जामताड़ा।
दो वर्ष पूर्व 22 मार्च 2020 को पूरे देश में कोविड-19 महामारी को लेकर जनता कर्फ्यू लागू कर दिया गया था। पीएम नरेंद्र मोदी के आह्वान पर लोगों ने 22 मार्च 2020 की शाम 5:00 बजे ताली थाली और घंटी बजा कर कोरोना योद्धाओं को प्रोत्साहित करने का काम किया था। इसी के साथ जनता कर्फ्यू जारी रखते हुए 2 दिन बाद लॉकडाउन घोषित कर दिया गया। जिंदगी जहां की तहां थम गई। कल- कारखाने, रोजी-रोजगार, यातायात, पठन-पाठन सहित तमाम गतिविधियां थम गई थी। उस वक्त पुलिस विभाग, स्वास्थ्य महकमा, मीडिया हाउस के साथ सरकारी महकमा के पदाधिकारी और कर्मी कोरोना वारियर की भूमिका में नजर आए। लोग जान बचाने के लिए घरों के अंदर बंद पड़े रहे। लगभग दो महीने बाद आंशिक छूट के साथ अनलॉक की प्रक्रिया शुरू की गई। इस दौरान जामताड़ा शहर में सैकड़ों की संख्या में लोग संक्रमण के चपेट में आए और स्वास्थ्य भी हुए। लेकिन दूसरे लहर ने पूरे देश सहित जामताड़ा जिला में भी जमकर कहर बरपाया। वर्ष 2021 में जामताड़ा जिला में कुल 70 लोगों ने कोरोना संक्रमण की वजह से जान गंवाई।
कोरोनावायरस संक्रमण का दूसरा लहर जामताड़ा जिला में जमकर कहर बरपाया। अप्रैल, मई और जून महीने में तकरीबन 60 लोगों की जान संक्रमण की वजह से चली गई। अक्टूबर महीने तक मौत का आंकड़ा 70 तक पहुंच गया।
महामारी के इस 2 वर्ष में लोगों ने बहुत कुछ खोया और बहुत कुछ सीखा भी। आज भी इस संक्रमण से देश पूरी तरह से निजात नहीं पाया है। चौथी लहर की आशंका जताई जा रही है। मार्च महीने के तीसरे सप्ताह के अंत होते-होते संक्रमण का मामला फिर से सामने आने लगा। 20 एवं 21 मार्च को नारायणपुर एवं जामताड़ा प्रखंड में दो-दो नए संक्रमित मरीजों की पहचान की गई। जिसके साथ ही जिला में एक्टिव केस की संख्या 4 पर पहुंच गई है। 2 वर्षों में जामताड़ा जिला में 6133 लोग कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए। जबकि 6129 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं। वही इन 2 वर्षों में 316550 लोगों का सैंपल जांच किया गया है।

