Jamtara Chhath Puja News:-उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य के साथ छठ महापर्व संपन्न, अजय नदी घाट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
जामताड़ा।
लोक आस्था का महापर्व छठ उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया। गुरुवार को चौथा और अंतिम दिन सुबह करीब 06 बजकर 03 मिनट पर सूर्योदय होने के साथ ही अर्घ्यदान का क्रम आरंभ हो गया। इसके बाद व्रती व उनके स्वजनों ने भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर खुद के लिए,परिवार, कुटुंब, समाज व देश के हित की कामना की। इससे पहले गुरुवार की अलसुबह से ही श्रद्धालु पास के छठ घाटों पर पहुंचने लगे थे। इन घाटों पर रोशनी की बेहतर व्यवस्था होने से यहां का दृश्य मनोहारी था।
गायत्री मंत्र का उच्चारण करते छठ में प्रात:कालीन अर्घ्य का विशेष महत्व है। यह प्रत्यक्ष देवों में एक भगवान भास्कर को अर्पित किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि पूरी आस्था के साथ अर्घ्य अर्पित करने वालों पर भगवान सूर्य की विशेष कृपा होती है। वे उसे अपने जैसा तेज प्रदान करते हैं। रोगों को हर लेते हैं। परिवार में सुख व शांति प्रदान करते हैं। भगवान सूर्य को अर्घ्य देने से अनेक लाभ हैं। यह ऊर्जा प्रदायक है। रोगनाशक है। कोरोना के इस विषम काल में भगवान की आराधना से इंसान व्याधियों से मुक्त हो सकेगा। इसलिए परंपरा है कि व्रती सूर्योदय के बाद अपने साथ ही साथ स्वजनों से भी अर्घ्यदान कराती हैं। तांबे के पात्र में जल, एक चुटकी रोली, चंदन, हल्दी, अक्षत व लाल पुष्प डालकर गायत्री मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देने से सरकारी पद, स्वास्थ्य, धन व सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। उनका कहना है कि अर्घ्य में प्रयुक्त होने वाले सारी सामग्री औषधीय गुणों से परिपूर्ण होता है।
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