Jamshedpur Today News:परमात्मा का स्मरण ही सुख और शांति का मार्ग – वृजनंदन शास्त्री

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झारखंड के जमशेदपुर के  मानगो वसुन्धरा स्टेट में भागवत कथा का विश्राम
जमशेदपुर। मानगो एनएच 33 स्थित वसुन्धरा स्टेट में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन शनिवार को वृन्दावन से पधारे स्वामी वृजनंदन शास्त्री जी महाराज ने अपनी मधुरवाणी से सुदामा चरित्र कथा प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि सुदामा से परमात्मा ने मित्रता का धर्म निभाया। राजा के मित्र राजा होते हैं रंक नहीं, पर परमात्मा ने कहा कि मेरे भक्त जिसके पास प्रेम धन हैं वह निर्धन नहीं हो सकता। व्यक्ति कितना भी पैसा कमा लें जब तक संतुष्टि नहीं होगी, सुख नहीं मिल सकता। संतोष धन श्रेष्ठ धन है।
शास्त्री जी ने सुदामा और परमात्मा की मित्रता चरित्र के कई रूपों की झांकियों का दर्शन कराया और आगे कहा कि लोग कहते हैं जिंदगी किस्मत की बात हैं लेकिन किस्मत बनाना भी उसी के हाथ हैं। गरीब सोचता हैं धनवान सुखी हैं, धनवान सोचता हैं राजा सुखी हैं, राजा सोचता हैं महाराजा सुखी हैं, महाराजा सोचता हैं इन्द्र सुखी हैं, इन्द्र सोचता हैं ब्रम्हा सुखी हैं, किन्तु गोस्वामी तुलसीदास कहते हैं भगवान के भजन बिना संसार दुःखी हैं। अतः सुख और शांति का मार्ग परमात्मा का स्मरण ही हैं। परीक्षित मोक्ष की कथा से भागवत कथा का विश्राम करते हुए महाराज नेे कहा कि प्रेम से मोह को जीना ही मोक्ष हैं। राजा परीक्षित ने सात दिन तक मन से कथा श्रवण किया। भागवत कथा सुनकर परीक्षित के मन से मृत्यु का भय खत्म हुआ था। परीक्षित को ऋषि के श्राप के कारण तक्षक नाग ने काटा और उनके जीवन का अंत हो गया। कथा के प्रभाव से उन्हें मोक्ष प्राप्त हुआ और नाम अजर-अमर हो गया। भागवत कथा साक्षात भगवान श्रीहरि का रूप है। कथा सुनकर भगवान को पाया जा सकता है। राजा परीक्षित को ऋषि पुत्र के श्राप से तक्षक नाग ने काटा और वे मोक्ष को प्राप्त हुए। भागवतजी की पूजा-अर्चना की गई।
कथाओं को सुनकर सभी भक्त भाव विभोर हो गए। पूर्ण आहूति के बाद भंडारा (प्रसाद) का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर (राजस्थान) के सहायतार्थ शर्मा परिवार द्धारा आयोजित कथा के अंतिम दिन शनिवार को यजमान के रूप में उमाशंकर शर्मा, किरण शर्मा, कृष्णा शर्मा (काली), जय प्रकाश शर्मा, गोविंदा शर्मा, कृपा शंकर शर्मा, गिरजा शंकर शर्मा, रामा शंकर शर्मा, विष्णु शर्मा, रामानंद शर्मा, विश्वनाथ शर्मा समेत काफी संख्या में भक्तगण शामिल थे। मंच संचालन नारायण सेवा संस्थान उदयपुर से आए एंकर जितेंद्र वर्मा द्वारा किया गया।

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