Jamshedpur Today News:संघर्ष भरे जीवन में भी मुस्कुराते हुए समस्याओं को सुलझाने की सीख देते श्रीकृष्ण
मानगो वसुन्धरा स्टेट में भागवत कथा का चौथा दिन
जमशेदपुर।झारखण्ड के जमशेदपुर मे मानगो एनएच 33 स्थित वसुन्धरा स्टेट में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन बुधवार को कथावाचक वृजनंदन शास्त्री ने अपनी सुमधुरवाणी से धु्रव चरित्र, राजा बलि, वामन भगवान प्रसंग की चर्चा करते हुए कथामृत का भक्तों को रसपान कराया और कहा कि सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर और कलयुग में चार राक्षस रहे हैं। सतयुग-हिरण्यकश्यपु, त्रेतायुग-रावण, द्वापरयुग-कंस और कलयुग में अहंकार मनुष्य का शत्रु है। क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। इसलिए जो मनुष्य कलयुगी राक्षसों से बचकर भगवान का जप-तप, पाठ-पूजा व स्मरण करेगा, वहीं भगवान के प्रति समर्पित हो सकता है। वृजनंदन शास्त्री ने कथा के माध्यम से भगवान के अलग-अलग रूपों की झांकियों का दर्शन कराते हुए आगे कहा कि अधर्म पर धर्म की विजय के लिए श्रीमद् भागवत कथा अमृतवाणी का रसपान कर अपने जीवन को धन्य बनाएं, ऐसा संयोग जीवन में जब भी मिले उसे हाथ से नहीं जाने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण की जीवन लीला जन्म के साथ ही संघर्ष से भरी रही है, लेकिन वह हमेशा मुस्कराते हुए बंशी बजाते रहते थे और दूसरों को भी समस्याओं को ऐसे ही मुस्कराते हुए सुलझाने की सीख देते थे। विषम परिस्थिति में भी हम सुखी रह सकते हैं अगर मन यह मान लें की दुःख है ही नहीं। दुःख होते हुए भी न हरि को भूलो न जग छोड़ांे। आज की कथा का निष्कर्ष यही रहा कि मन का बंधन है मन को मोक्ष और सुख और दुःख हमारे मन की कल्पना हैं। आज समाजसेवी अमरप्रीत सिंह काले, बृजभूषण सिंह, जयप्रकाश राय, पूर्व विधायक कुणाल षाड़गी, जिला परिषद सदस्य सुदिप्तो डे राणा, शैलेन्द्र सिंह, चन्द्रशेखर मिश्रा, रीता मिश्राए बबलु जायसवालमहेश कुंडू विशाल अग्रवाल समेत कई गणमान्य ने बांके बिहारी के दरबार में हाजरी लगायी और भागवत कथा का आनन्द लिया। साथ ही स्वामी वृजनंदन शास्त्री से आर्शीवाद लिया और झारखंड के विकास की प्रार्थना की। कथा के चौथे दिन बुधवार को यजमान के रूप में उमाशंकर शर्मा, किरण शर्मा, कृष्णा शर्मा (काली), जय प्रकाश शर्मा, गोविंदा शर्मा, कृपा शंकर शर्मा, गिरजा शंकर शर्मा, रामा शंकर शर्मा, विष्णु शर्मा, रामानंद शर्मा, विश्वनाथ शर्मा समेत काफी संख्या में भक्तगण शामिल थे। भागवत कथा के पांचवे दिन गुरूवार को श्रीराम और श्रीकृष्ण (नंदोत्सव) का जन्म कथा होगा।
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