इन बलिदानियों को याद रखना ज़रूरी -जयप्रकाश राय
लाला लाजपत राय ने देश के नवनिर्माण का जो स्वप्न देखा था – राजीव कुमार
लाला जी के वाणी से कमजोर भी ओजस्वी बन जाते थे -विनोद अरोड़ा
जमशेदपुर,।आज साकची नमन कार्यालय में अमर बलिदानी लाला लाजपत राय जी की पुण्यतिथि पूरे गरिमामय तरीक़े से संपन्न हुई। संस्था के संस्थापक अमरप्रीत सिंह काले ने कहा की देश आजादी की लड़ाई का इतिहास क्रांतिकारियों के
विविध साहसिक कारनामों से भरा पड़ा है और ऐसे ही एक वीर सेनानी थे लाला लाजपत राय, जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया. वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने साइमन कमीशन के खिलाफ आवाज उठाई थी. आजीवन ब्रिटिश राजशक्ति का सामना करते हुए अपने प्राणों की परवाह न करने वाले लाला लाजपत राय को ‘पंजाब केसरी’ भी कहा जाता है. इतना ही नहीं उनकी याद में 17 नवंबर को उनके ‘स्वर्ग-गमन’ के दिन को बलिदान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है.शहर की अग्रणी संस्था नमन ने उनकी पुण्यतिथि पर नमन परिवार के महिलाओं, गणमान्यों एवं सैकड़ों युवाओं की उपस्थिति में श्रद्धांजलि दी। नमन के संस्थापक
अमरप्रीत सिंह काले ने कहा लाला जी की ईश्वर पर सच्ची आस्था थी, वे निडर और बहादुर इंसान थे। मातृभूमि के लिए उनका त्याग और बलिदान अतुलनीय है, देशभक्ति में वे आदर्श स्थापित किये जिसके लिए सम्पूर्ण देश उनका सदैव ऋणी रहेगा। मातृभूमि के लिए उनका बलिदान आज भी देश के नागरिकों में देशभक्ति की भावना का संचार करता है, देश की स्वतंत्रता के लिए उनके प्रयासों के लिए राष्ट्र उनका सदैव ऋणी रहेगा। वे एक सच्चे महामानव थे जिन्होंने सदैव मानवता का सन्देश दिया। उनकी देशभक्ति, साहस और आत्म-बलिदान आज भी प्रेरणा बनकर हमारे हृदयों में विद्यमान हैं, इतिहास उन्हें कभी नहीं भुला सकता। 17 नवंबर को बलिदान दिवस मनाने की परंपरा को लोग भूल रहे हैं जो गुलामी की ओर बढ़ना साबित हो सकता है। बलिदानियों की याद हमें जीवन संघर्ष और मातृभूमि के प्रति प्रेम बनाये रखने के लिए जरूरी है।

इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश राय ने कहा लाला जी भारत के उन अमर स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे जिन्होंने मातृभूमि की गुलाभी की बेड़ियों को तोड़ने में अपनी ओर से पूरा प्रयत्न किये। ऐसे ही कई देशभक्तों के बलिदानों के पश्चात् देश को आजादी प्राप्त हुआ।
राजीव कुमार ने कहा कि हमें अपनी आजादी की रक्षा इन महापुरुषों के आदर्शों पर चलकर ही करना होगा। लाला लाजपत राय ने देश के नवनिर्माण का जो स्वप्न देखा था,उसे हम उनके बताए मार्ग पर चलकर साकार कर सकते है।
इस मौके पर पंजाबी समाज के अध्यक्ष विनोद अरोड़ा ने कहा लाला लाजपत राय एक सच्चे देश भक्त के साथ ही एक सच्चे समाज सुधारक भी थे। वे जीवन प्रयत्न अछूतों के उद्धार के लिए प्रयासरत रहे। उन्होंने नारियों को भी शिक्षा का सामान अधिकार देने सदैव प्रयास किये। उन्होंने विभिन्न स्थानों अनेक विद्यालयों की स्थापना किये। इसके अतिरिक्त वे एक प्रभावशाली वक्ता भी थे। उनके वाणी में जोश उत्पन्न करने की वह क्षमता थी जो कमजोर व्यक्तियों को भी ओजस्वी बना देता था।
इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम का संचालन धनुर्धर त्रिपाठी ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन महेश मिश्रा ने किया
इस कार्यक्रम में बृजभूषण सिंह, विपिन झा, देवेंद्र सिंह मारवाह, महेंद्र सिंह, गुरजीत सिंह संटु, आशीष लूथरा, ए विश्वनाथ, आशीष पांडे, दलवीर सिंह गोल्डी, लाला जोशी, संदीप सिंह पप्पू, प्रवीण कुमार सिंह, मिष्टु सोना, किरण सिंह, आरती मुखी, काकोली मुखर्जी, सीमा दास, विजयालक्ष्मी, डी.मनी, शारदा शर्मा, सुष्मिता सरकार, के सीनू, सीमा गोस्वामी, लख्खी कौर,जूगुन पांडे, प्रिंस सिंह ,विभास मजूमदार,दीपू कुमार ,संतोष यादव, विक्रम सिंह,सरबजीत सिंह टोबी,सूरज चौबे,कार्तिक जुमानी,राजु कुमार,रामा राव,अनुज मिश्रा, शुरू पात्रो,संजय सिंह सहित अन्य कई युवाओं, महिलाओं एवं गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में श्रद्धांजली अर्पित की।
