Jamshedpur today news –  मोहरदा जलापूर्ति योजना का एक और डी पी आर होगा तैयार,

2007 से पामी की टंकी की सफाई नही हुई है।

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जमशेदपुर।

मोहरदा जलापूर्ति योजना का एक और डीपीआर तैयार किया जाएगा। उसको लेकर जमशेदपुर (पूर्वी) के विधायक सरयू राय ने जमशेदपुर के विशेष दिशा –निर्देश जारी किया है।

दरअसल आज मोहरदा जलापूर्ति योजना से क्षेत्र के लोगों को समय पर और स्वच्छ जलापूर्ति मिले इसको लेकर जमशेदपुर पूर्वी के विधायक  सरयू राय ने जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी कृष्ण कुमार और जुस्को के वाटर डिवीजन के जीएम आर के सिंह के साथ सर्किट हाऊस में बैठक की। गहन विचार-विमर्श के बाद यह निष्कर्ष निकला कि मोहरदा पेयजलापूर्ति योजना की डिजाइन ही इतनी गलत बनी है कि इसके भरोसे पर बारीडीह, बागुननगर, बागुनहातु के सभी घरों में समय पर पानी पहुँचाना काफी कठिन है। निर्णय हुआ कि योजना को सक्षम बनाने के लिए अलग से एक डीपीआर तैयार किया जाय। जमशेदपुर अक्षेस इसका डीपीआर तैयार करवायेंगे। बिरसानगर जोन नं. 1 ‘बी’ में जो भूमिगत जल भंडार बनाया गया है वहाँ तक मोहरदा के पम्प हाऊस से सीधे पानी ले जाने की व्यवस्था करने के लिए एक नई पाईप लाइन बिछाया जाय, ताकि अलग से बिरसानगर, बागुननगर में बनी हुई टंकियों को समय से भरा जा सके। इसके अतिरिक्त 3 पानी टंकियाँ बनाने और पहले से बनी हुई टंकी के नीचे भूमिगत जल संग्रह बनाने का निर्णय किया गया। इसके साथ ही मोहरदा पेयजलापूर्ति पम्प हाऊस के पहले एक बड़ा सेटलिंग तालाब बनाया जाय ताकि नदी से लिया जाने वाले पानी की गंदगी वहाँ साफ किया जा सके और घरों में स्वच्छ पानी मिले।

 

पेयजलापूर्ति की पानी टंकियाँ जब से बनी हैं तबसे एकबार भी इसकी सफाई नहीं हुई है। जुस्को के अधिकारी का कहना था कि टंकियाँ इतनी कमजोर बनी हैं कि मजदूरों को ऊपर चढ़ाकर सफाई करवाना खतरनाक साबित हो सकता है। निर्णय हुआ कि किसी भी तरह से कोई व्यवस्था करके एक बार इन टंकियों की सफाई करवायी जाय, ताकि घरों के पानी में गंदगी नहीं जाय। निर्णय हुआ कि डीपीआर बनाकर उसपर ऐसा प्रबंध किया जाय कि अगले 25-30 वर्षों तक योजना के संचालन में कोई समस्या न हो और नागरिकों को पेयजल मिल सके। मोहरदा पेयजलापूर्ति योजना का पानी वास्तु विहार के घरों तक ले जाने के बारे में भी निर्णय हुआ।

 

बैठक में ही जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी और जुस्को के अधिकारियों को महापर्व छठ को लेकर छठ घाटों की सफाई, जहाँ आवश्यकता हो वहाँ मरम्मती करवाने और डेंजर जोन को चिन्हित करने के साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए चेंजिंग रूम बनवाने, रोशनी आदि को लेकर आवश्यक प्रबंध करवाने की भी बात कही।

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