विशेष ग्राम सभा के माध्यम से कठिन परिस्थिति में रहने वाले बच्चों को चिन्हित किया जाएगा – अभय द्विवेदी, प्रखंड विकास पदाधिकारी
कठिन परिस्थिति में रहने वाले बच्चों एवं अभिभावकों का आकलन बहुत जरूरी – अंचलाधिकारी
JAMSHEDPUR
बाल कल्याण संघ एवं जिला प्रशासन पूर्वी सिंहभूम के सहयोग से प्रखंड स्तरीय हित धारकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन धालभूमगढ़ प्रखंड सभागार में आयोजित किया गया । कार्यक्रम का उद्घाटन प्रखंड विकास पदाधिकारी श्री अभय द्विवेदी एवं अंचलाधिकारी धालभूमगढ़ ने संयुक्त रूप से किया । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी ने कहा कि कठिन परिस्थिति में जीवन बसर करने वाले बच्चों की मैपिंग बहुत जरूरी है इस हेतु सरकार संवेदनशील है । झारखंड से मानव तस्करी जैसे कंलक को मिटाना सरकार की पहली प्राथमिकता है और इसे लेकर जन जागरूकता के साथ में लोगों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने की पहल की जा रही है। इस मैपिंग कार्यक्रम के माध्यम से हम बच्चों को ट्रैफिकिंग बाल विवाह और बाल श्रम में जाने से रोक सकते हैं इस हेतु विशेष ग्राम सभा का आयोजन कर अति संवेदनशील स्थिति में रहने वाले बच्चों की आकंलन की जाएगी ।उन्होंने कहा कि ग्राम बाल संरक्षण समिति विद्यालय प्रबंधन समिति आंगनबाड़ी सेविका ग्राम पंचायत कार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष तेजस्विनी क्लब, सहिया, सामाजिक कार्यकर्ता और गैर सरकारी संस्थानों के मदद से प्रखंड के सभी गांव में जोखिमपूर्ण स्थिति में रहने वाले बच्चों की मैपिंग की जाएगी ताकि इन बच्चों को बाल श्रम बाल विवाह जैसी कुरीतियों से बचाया जा सके ।
उन्मुखीकरण कार्यशाला को संबोधित करते हुए अंचलाधिकारी सदानंद महतो ने कहा कि यह कार्यक्रम हमारे जिले के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस पूरे प्रक्रिया में जिला उपायुक्त का बहुत बड़ा योगदान है। इसलिए हम सभी को इस कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए और इस तरह के बच्चों को चिन्हित करने में सहयोग करना चाहिए ताकि हमारे जिले को बालमित्र जिला बनाया जा सके ।
एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला को संबोधित करते हुए बाल कल्याण संघ के परियोजना प्रबंधक सुनील कुमार गुप्ता ने कहा कि झारखंड से हर वर्ष 30 हजार से 40,000 लड़कियों का तस्करी किया जाता है। यह बालिकाएं कहीं न कहीं हमारे झारखंड राज्य के उन ग्रामीण क्षेत्रों से जहाँ इनके परिवार जोखिम पूर्ण स्थिति में निवास करते हैं और इसी का शिकार बालिकाएं भी होती हैं। जिला उपायुक्त के मार्गदर्शन में पूरे जिले में ऐसे परिवारों एवं बच्चों को चिन्हित करने हेतु संवर्धन कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है ताकि जिले में इस तरह के बच्चे कितने हैं इनकी सूची तैयार किया जा सके ।जोखिमपूर्ण परिस्थिति में रहने वाले बच्चों एवं उनके अभिभावकों को चिन्हित कर ग्राम बाल संरक्षण समिति एवं विशेष ग्राम सभा के माध्यम से मॉनिटरिंग की जाएगी ताकि परिवारों को सुरक्षा एवं संरक्षण प्रदान किया जा सके ।
इस तरह के कार्यक्रम के माध्यम से जिले में होने वाले बाल तस्करी बाल श्रम और बाल शोषण को समाप्त किया जा सकता है । इस कार्य में करने में आंगनबाड़ी सेविका एवं पंचायत प्रतिनिधि अहम योगदान दे सकते हैं ।
सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रकाश सिंह, कुमार संकल्प, शारदा मालविका तिग्गा, कृतिका भूमि सिंह देवांग कुमार एवं विश्वनाथ बेहरा द्वारा दिया गया ।
उन्मुखीकरण कार्यशाला में महिला प्रवेक्षिका, शांति हेम्ब्रम आंगनबाड़ी सेविका ग्राम कार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष, सदस्य, सहिया, सहायिका, शिक्षा विभाग, श्रम विभाग, कल्याण विभाग, गैर सरकारी संस्थान एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के उपस्थित रही ।
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