Jamshedpur News:दुखद–जमशेदपुर में बेबाक पत्रकारिता के महत्वपूर्ण स्तंभ उदितवाणी के संस्थापक सह संपादक राधेश्याम अग्रवाल का निधन, पत्रकारिता जगत में शोक की लहर
जमशेदपुर.
जमशेदपुर में बेबाक पत्रकारिता के महत्वपूर्ण स्तंभ उदितवाणी के संस्थापक सह संपादक राधेश्याम अग्रवाल का शनिवार 1जून को सुबह निधन हो गया.वे टी एम एच में इलाजरत थे.इस खबर से पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ गई है.खासकर जमशेदपुर का मीडिया जगत गमगीन हो गया है.उन्होंने उदितवाणी की स्थापना तब की थी जब जमशेदपुर में राष्ट्रीय अखबार नहीं छपते थे और दूसरे शहरों से एडीशन आता था.उन्होंने मध्य प्रदेश में अपनी नौकरी छोड़ी और जमशेदपुर में 1980में ‘उदितवाणी’ की स्थापना कर शहर और आस पास पाठकों का एक बड़ा वर्ग तैयार किया.आगे चलकर जमशेदपुर से बड़े बड़े राष्ट्रीय अखबार छपने लगे, मगर पहला दैनिक समाचार पत्र इस शहर से प्रकाशित होने का श्रेय ‘उदितवाणी’ को जाता है.
उनके निधन पर मानवाधिकार कार्यकर्ता जवाहरलाल शर्मा ने गहरा दुख व्यक्त किया है.नगर निगम के मुद्दे पर चल रही कानूनी लड़ाई का मुद्दा हो या अन्य मुद्दे, राधेश्याम जी हमेशा मुखर रहे और जमशेदपुर के विभिन्न मुद्दों को लेकर दुर्लभ डाक्यूमेंट्स सहेज कर उन्होंने रखा था.जब भी किसी को जरूरत पड़े तो वह उनकी मदद लेता था.जवाहरलाल शर्मा ने कहा कि उन्होंने अपना एक मजबूत साथी खो दिया है.
पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा है कि राधेश्याम अग्रवाल जी का निधन पत्रकारिता और राज्य के सामाजिक क्षेत्र के लिए एक बड़ी क्षति है.
एनआईटी के मीडिया प्रभारी सुनील भगत ने भी गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा है कि राधेश्याम जी का निधन मीडिया जगत के लिए आघात है.उन्होंने प्रिंट मीडिया में कई नए आयाम स्थापित किए.
वरिष्ठ पत्रकार अन्नी अमृता समेत शहर के सभी पत्रकारों ने राधेश्याम अग्रवाल जी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है.अन्नी अमृता ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि राधेश्याम जी जमशेदपुर में बेबाक पत्रकारिता के महत्वपूर्ण स्तंभ थे.उनका जाना व्यक्तिगत क्षति है.वे आज जो कुछ भी हैं उसमें ‘उदितवाणी’ का बहुत बड़ा योगदान है.
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