Close Menu
Bihar Jharkhand News NetworkBihar Jharkhand News Network
  • बड़ी खबरें
  • देश-विदेश
  • बिहार
  • झारखंड
  • ओडिशा
  • राजनीति
  • कारोबार
  • खेल-जगत
  • मनोरंजन
  • ज्योतिषी
  • कैरियर
  • युवा जगत
  • विशेष
  • शिक्षा-जगत
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • स्वास्थ्य
  • अपराध
Facebook X (Twitter) Instagram
Bihar Jharkhand News NetworkBihar Jharkhand News Network
Facebook X (Twitter) Instagram
  • होम
  • देश-विदेश
  • बिहार
    • पटना
    • दंरभगा
    • भागलपुर
    • मधुबनी
    • मधेपुरा
    • शेखपुरा
    • सहरसा
    • सुपौल
    • अररिया
    • अरवल
    • औरंगाबाद
    • कटिहार
    • किशनगंज
    • कैमुर
    • खगड़िया
    • गया
    • गोपालगंज
    • जमुई
    • जहानाबाद
    • नवादा
    • नालंदा
    • पश्चिम चंपारण
    • पूर्णियां
    • पूर्वी चंपारण
    • बक्सर
    • बाँका
    • भोजपुर
    • मधेपुरा
    • मुंगेर
    • मुजफ्फरपुर
    • रोहतास
    • लखीसराय
    • वैशाली
    • शिवहर
    • शेखपुरा
    • समस्तीपुर
    • सहरसा
    • सारन
    • सीतामढी
    • सीवान
  • झारखंड
    • रांची
    • जमशेदपुर
    • हजारीबाग
    • कोडरमा
    • दुमका
    • सरायकेला-खरसांवा
    • चतरा
    • गढ़वा
    • पलामू
    • लातेहार
    • खुंटी
    • गिरीडीह
    • गुमला
    • गोड्डा
    • चाईबासा
    • जामताड़ा
    • देवघर
    • धनबाद
    • पाकुड़
    • रामगढ
  • ओडिशा
    • रायगडा
    • संबलपुर
    • सुंदरगढ़
    • सुबर्णपुर
    • जगतसिंहपुर
    • जाजपुर
    • झारसुगुडा
    • ढेंकनाल
    • देवगढ़
    • नबरंगपुर
    • नयागढ़
    • नुआपाड़ा
    • पुरी
    • बरगढ़
    • बलांगीर
    • बालासोर
    • बौद्ध
    • भद्रक
    • मयूरभंज
    • मलकानगिरी
  • राजनीति
  • विशेष
  • युवा जगत
  • स्वास्थ्य
  • अन्य
    • साक्षात्कार
    • मनोरंजन
    • खेल-जगत
Bihar Jharkhand News NetworkBihar Jharkhand News Network
  • बड़ी खबरें
  • देश-विदेश
  • बिहार
  • झारखंड
  • ओडिशा
  • राजनीति
  • कारोबार
  • खेल-जगत
  • मनोरंजन
  • ज्योतिषी
  • कैरियर
  • युवा जगत
  • विशेष
  • शिक्षा-जगत
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • स्वास्थ्य
  • अपराध
Home » Jamshedpur News:मानवाधिकार और पर्यावरण के प्रहरी: जमशेदपुर के वरिष्ठ पत्रकार कवि कुमार के 50 वर्ष
Breaking News

Jamshedpur News:मानवाधिकार और पर्यावरण के प्रहरी: जमशेदपुर के वरिष्ठ पत्रकार कवि कुमार के 50 वर्ष

BJNN DeskBy BJNN DeskDecember 10, 2025Updated:December 10, 2025No Comments13 Mins Read
Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link
Share
Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email Telegram WhatsApp Copy Link

जमशेदपुर।

जमशेदपुर में पत्रकारिता के पचास साल कवि कुमार पिछले 50 वर्षों से एक “खोजपूर्ण पत्रकार” (Investigative Journalist) के रूप में कार्यरत हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दैनिकों जैसे ‘जनसत्ता’, ‘रांची एक्सप्रेस’ और ‘आजाद मजदूर’ समाचार पत्रों में काम किया है। कवि कुमार ने हमेशा समाज के निचले पायदान पर खड़े लोगों की आवाज़ को सामने लाने का काम किया है। कवि कुमार ने मानवाधिकार, पर्यावरण, पुलिस प्रताड़ना और राजनीतिक खोजपूर्ण समाचार लिखे।

कार्य अनुभव –

झारखंड के तब के लोकप्रिय समाचार पत्र ‘रांचीोो एक्सप्रेस’ में अविभाजित सिंहभूम जिला के लिए स्थाई रूप से विशेष संवाददाता का कार्य किया। दिल्ली ‘जनसत्ता’ के लिए करीब 15 वर्षों तक स्ट्रिंगर के रूप में कार्य किया।

किस-किस समाचार पत्र और न्यूज़ चैनलों में खबरों का प्रकाशन हुआ – जनसत्ता दिल्ली, रांची एक्सप्रेस झारखंड, द टेलीग्राफ कोलकाता, ब्लिट्ज मुंबई, आज बनारस, परिवर्तन (कवर स्टोरी) कोलकाता, सहारा (अंग्रेजी मैगजीन) दिल्ली कवर स्टोरी, दैनिक विश्वमित्र कोलकाता, सन्मार्ग कोलकाता, दिनमान दिल्ली, प्रभात खबर रांची, नवभारत टाइम्स पटना, हिंदुस्तान पटना, साप्ताहिक हिंदुस्तान, शुक्रवार, संडे ऑब्जर्वर, नेशन संवाद वगैरह।

प्रमुख उपलब्धियाँ
1. वर्ष 1994 में कवि कुमार ने झारखंड की विलुप्तप्राय आदिवासी (अनुसूचित) जनजाति “सबर” की नसबंदी के मुद्दे पर खोजपूर्ण रिपोर्ट प्रकाशित की। उनके अभियान के कारण यह मामला उच्च स्तर तक पहुँचा और हस्तक्षेप हुआ, जिससे इस विलुप्त होती जनजाति की नसबंदी पर रोक लगाई गई। इस तरह उनकी नस्ल को बचाया जा सका।

2. देश की मुख्यधारा में विलुप्तप्राय आदिवासी जनजातियों को जोड़ने के उद्देश्य से कवि कुमार 2003 से आज तक हर वर्ष 15 अगस्त और 26 जनवरी के अवसर पर उनके गाँवों में ध्वजारोहण अभियान का आयोजन करते हैं।

3. अंधविश्वास को दूर करने के लिए कवि कुमार ने 26 जनवरी 2020 को एक कार्यक्रम में एक ‘बलात्कार पीड़िता’, जिसे गाँव वालों ने तिरस्कृत कर दिया था, को सम्मानित कर उससे ध्वजारोहण करवाया। यह कदम महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हुआ।

4. कवि कुमार ने जमशेदपुर और आसपास की टाटा घराने की विशाल कंपनियों द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण और उससे क्षेत्रीय स्वास्थ्य पर पड़ रहे दुष्प्रभावों के खिलाफ लगातार रिपोर्टिंग व अभियान चलाए। उन्होंने चिपको आंदोलन के तर्ज पर चुंबक आंदोलन चलाया, जिसके तहत लोगों ने अपने घरों की छत पर गिरे हुए धूल कण में चुंबक लगाया। धूलकण में मिले लोहे के महीन कण चुंबक से चिपक गए। इसके बाद यह रहस्योद्घाटन हुआ कि स्थानीय कंपनियों द्वारा उड़ाये जा रहे धुंए में धूल कण के अलावा लोहे के कण भी शामिल हैं, जो मानव के फेफड़ों के लिए घातक हैं। चुंबक आंदोलन से लोगों में प्रदूषण के प्रति जागरूकता पैदा हुई और प्रदूषण का विरोध किया जाने लगा।

5. ग्रामीण इलाकों में प्रचलित “डायन, भूत-प्रेत” जैसे अंधविश्वास को खत्म करने के लिए कवि कुमार ने पद्म श्री छुटनी महतो के साथ मिलकर जागरूकता अभियान चलाया और कई महिलाओं की जान बचाई, जिन्हें डायन बताकर मौत के घाट उतारने का फरमान जारी किया गया था।

6. वर्ष 2015 से कवि कुमार ने गाँव में उन महिलाओं की सामूहिक “पिकनिक” शुरू की, जिन्हें लोग डायन मानते थे। इसमें गाँव के मुखिया, समाजसेवी, पुलिस प्रशासन और जागरूक लोग बुलाए जाते। कथित डायनों की परछाई से भी दूर भगाने वाले ग्रामीणों ने डायनों के साथ बैठकर भोजन किया। इन कार्यक्रमों ने गाँव वालों की सोच बदली और पीड़ित महिलाओं में आत्मविश्वास जागा।

7. थाईलैंड के प्रसिद्ध फिल्म निर्माता डी. गुज़मान ने जमशेदपुर आकर डायन विरोधी आंदोलन पर ‘अल जज़ीरा’ चैनल के लिए आधा घंटे की डॉक्यूमेंट्री “A Curse in the Family” बनाई। इस फिल्म में कवि कुमार का साक्षात्कार किया गया और उनके कार्यों की सराहना की गई। यह फिल्म यूट्यूब में देखी जा सकती है।

8. कवि कुमार की खोजपूर्ण रिपोर्ट ने “विचाराधीन आदिवासी बंदियों की जेल में पिटाई से मौत” की गुत्थी सुलझाई। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जाँच में प्रकाशित रिपोर्ट को सही पाया और जेल अधीक्षकों पर आपराधिक मामले दर्ज हुए। इससे कई आदिवासी विचाराधीन कैदियों की जान बची।

9. महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जमशेदपुर में महिला मरीजों के साथ बलात्कार का मामला भी उनकी रिपोर्टिंग से सामने आया। खबर प्रकाशित होने पर पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए आरोपी को पकड़ा और आगे ऐसे अपराध रोकने में मदद मिली।

10. महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज अस्पताल की अव्यवस्था के विरुद्ध में उन्होंने ‘रोगी को जहर चाहिए’ नामक शीर्षक समाचार “आजाद मजदूर” में प्रकाशित किया। इस समाचार पर स्वत: संज्ञान लेकर सुप्रीम कोर्ट आफ इंडिया ने इसे रिट के रूप में माना और सुनवाई करने के बाद कई ऐसे आदेश दिए जिससे अस्पताल की कुव्यवस्था कम हुई और इसे अतिरिक्त फंड सरकार की तरफ से प्राप्त हुआ। इस फंड से रोगियों के भोजन और दवा की कमी दूर हुई।

11. कवि कुमार ने देशभक्त पत्रकार गंगाप्रसाद ‘कौशल’ पर आधारित पुस्तक “दोधारी कलम” का संपादन किया (ISBN-978-93-5258-657-8)।

12. मात्र 18 वर्ष की आयु से वे 1953 से प्रकाशित ‘आज़ाद मज़दूर’ साप्ताहिक के समाचार संपादक रहे, जिसकी संपादक तब सरला कौशल थीं, जो झारखंड के मज़दूर वर्ग की आवाज़ 72 वर्षों से बुलंद कर रहा है।

उपलब्धियाँ
– ईटीवी बिहार द्वारा बनाए गए आधे घंटे के सीरियल ‘दुहाई सरकार की’ के कई एपिसोड में रिसर्चर के रूप में काम किया।
– यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया जादूगोड़ा, पूर्वी सिंहभूम में रेडियोएक्टिव प्रदूषण से फैलने वाली बीमारियां, अपंग होते बच्चे और ज्यादा गर्भपात के मामले को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। इसके बाद यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया ने कई तरह के सुधारात्मक कदम उठाए और रेडियोएक्टिव प्रदूषण को कम किया। कवि कुमार की यह खोजपूर्ण रिपोर्ट 14 सालों तक विभिन्न समाचार पत्रों में विभिन्न रिपोर्टरों द्वारा प्रकाशित की जाती रही। इस खोजपूर्ण रिपोर्ट के बाद कवि कुमार का संपर्क देश के बड़े-बड़े संपादक और पत्रकारों से हुआ, इनमें इंडियन एक्सप्रेस के संपादक बीजी वर्गिस, टेलीग्राफ के संपादक एमजे अकबर, परिवर्तन के संपादक राजकिशोर, जनसत्ता के संपादक व प्रसिद्ध साहित्यकार मंगलेश डबराल, एक्सप्रेस न्यूज़ सर्विस के एडिटर एचके दुआ, ब्लिट्ज के संपादक नंदकिशोर नौटियाल, राष्ट्रीय सहारा अंग्रेजी मैगजीन के संपादक दिलीप मैक्यून, दिनमान के संपादक सतीश झा, शुक्रवार के संपादक अंबरीश कुमार इनमें शामिल हैं। इस खोजपूर्ण रिपोर्ट को लिखने मौजूदा राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह जमशेदपुर जाकर कवि कुमार से मिले और उनके सहयोग से जादूगोड़ा में यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया की रिपोर्टिंग की, जो रविवार में प्रकाशित हुई। उस वक्त हरिवंश जी ‘रविवार’ के सहायक संपादक थे। नवभारत टाइम्स की सीनियर रिपोर्टर मणिमाला भी जमशेदपुर जाकर कवि कुमार से मिलीं और उनके साथ जादूगोड़ा जाकर अपने लिए रिपोर्टिंग की।

———————————–
बायोडाटा
नाम – कवि कुमार.
जन्मतिथि – 9 दिसंबर 1957.
पता – 217 ए, हेम सिंह बागान, साकची, जमशेदपुर, झारखंड, पिन – 831 001.
पत्रकारिता की शुरुआत – सन 1975 से.
पिता का नाम – कविवर गंगाप्रसाद ‘कौशल’ (स्वर्गीय).
माता का नाम – श्रीमती सरला ‘कौशल’ (स्वर्गीय).
शिक्षा – बैचलर ऑफ साइंस और लॉ.
पसंदीदा विषय – खोजपूर्ण पत्रकारिता.
पत्रकारिता में कब से हैं – 50 वर्षों से.
—————————————————
* सन 1989 में जमशेदपुर स्थित टाटा स्टील कारखाने में 3 मार्च को भीषण आग लगी। इस अग्निकांड में कुल 59 लोग मारे गए। उस वक्त टाटा स्टील के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक रूसी मोदी थे। जनसत्ता और रांची एक्सप्रेस में अग्निकांड के दोषियों के बारे में कवि कुमार की विशेष रिपोर्ट प्रकाशित की। इसके बाद टाटा स्टील ने रांची एक्सप्रेस के संपादक बलबीर दत्त, प्रकाशक और मुद्रक अजय मारू और विशेष प्रतिनिधि कवि कुमार पर दो करोड रुपए का मानहानि का केस मुंबई हाई कोर्ट में कर दिया। यह बिहार राज्य का सबसे बड़ी रकम का मानहानि का पहला मुकदमा था। कुछ साल बाद टाटा स्टील ने यह मुकदमा वापस ले लिया।

* 23 अगस्त 1986 को किसी अज्ञात व्यक्ति ने तब के पुलिस अधीक्षक अमर प्रताप सिंह के आवासीय कार्यालय में फोन किया और तीन पत्रकारों की हत्या 3 दिनों के अंदर कर देने की धमकी दी। धमकी देने वाले ने पुलिस अधीक्षक को चुनौती दी के वे इन पत्रकारों को बचा सकते हैं तो बचा लें। इनमें से पहला नाम कवि कुमार का था। इस मामले पर पुलिस ने कार्रवाई की और कवि कुमार को बॉडीगार्ड दिया गया, पर पुलिस यह पता नहीं लगा पाई कि यह धमकी किसने दी थी।

* सन 1978 की विजयादशमी के दिन कवि कुमार अपने तीन साथियों के साथ साकची एल. टाउन से गुजर रहे थे तो एक व्यक्ति ने उनके गले पर भुजली का वार किया। चूंकि यह हमला डराने के लिए था इसलिए उल्टी भुजली से वार किया गया। कवि कुमार ने इसकी रिपोर्ट थाना में दर्ज कराई पर किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी।

* सितंबर 1992 में मुसाबनी प्रखंड के कांकदोहा गांव के मोहम्मद हसन खान की हत्या के आरोप में पुलिस ने अंपा सोरेन (66) के साथ अन्य चार आदिवासियों को हत्या का अभियुक्त बता कर गिरफ्तार कर लिया। जमशेदपुर की जेल में विचाराधीन कैदी के रूप में अंपा सोरेन की मौत बीमारी से हो गई। जब कवि कुमार ने पूरे मामले की जांच की तो पता चला की मोहम्मद हसन खान जिंदा है। कवि कुमार का यह समाचार प्रकाशित हुआ तो हत्या के अभियुक्त अंपा सोरेन के साथ गिरफ्तार किये गये अन्य चार अभियुक्त रिहा कर दिये गये, परंतु पुलिस की इस गलती से आदिवासी अंपा सोरेन की जान चली गई।

* कवि कुमार ने ‘दोधारी कलम’ नामक पुस्तक का संपादन किया। इसके अलावा ‘झारखंड की राजनीति’ और ‘ईश्वर की तूलिका’ नामक पुस्तकों का संपादन भी किया।

*उन्होंने जमशेदपुर के पिछले 40 वर्षों के राजनीतिक, आपराधिक और त्रासदियों के बारे में एक पुस्तक लिखी। जिसका नाम ‘दंगा राजनीति त्रासदी’ है। इस पुस्तक में 1964 से अब तक जमशेदपुर में हुए सांप्रदायिक दंगों का सच लिखा गया है। दंगों का यह इतिहास गूगल और इसके समान किसी भी प्लेटफार्म पर उपलब्ध नहीं है।
कवि कुमार की इस पुस्तक के बारे में भारत के विख्यात पत्रकार सुरेंद्र किशोर (पद्मश्री सम्मान प्राप्त) ने पुस्तक की प्रस्तावना में लिखा है कि कवि कुमार की पुस्तक ‘दंगा राजनीति त्रासदी’ की सामग्री से यह साफ है कि उन्हें खतरों से खेलना पड़ा है। शायद उन्हें खेलना पसंद भी रहा है। इस पुस्तक में कुछ ऐसे विवरण प्रकाशित किए हैं जिन्हें आमतौर पर प्रकाश में लाने से अधिकतर लोग बचते हैं। उदाहरणार्थ एक मुख्यमंत्री एक एसपी को उस माफिया के समक्ष ही फटकारता है जिस माफिया के खिलाफ उस पुलिस अफसर ने न्यायोजित कार्रवाई की। एसपी उस डांट से नाराज होकर सरकारी सेवा से इस्तीफा दे देता है। इस पुस्तक में यह विवरण समाहित किया गया है। इस तरह के कुछ अन्य प्रसंग भी आए हैं। पद्मश्री सुरेंद्र किशोर ने लिखा है कि कवि कुमार ने देश के अनेक प्रमुख पत्र पत्रिकाओं के लिए काम किया है पर जनसत्ता के जरिए वे अधिक चर्चित हुए। अपनी खोजपूर्ण रपटों के कारण। 80 के दशक में दैनिक जनसत्ता का दिल्ली से प्रकाशन शुरू हुआ था तब से मैं कवि कुमार को जानता हूं। हमेशा एक खबर खोजी और निर्भीक पत्रकार के रूप में उनकी चर्चा सुनी। उन्होंने आगे लिखा है कि वे जनसत्ता के अविभाजित बिहार के ब्यूरो प्रमुख थे। उन्होंने कवि कुमार के खिलाफ कभी कोई शिकायत नहीं सुनी। जनसत्ता के कारण राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान बनी, इसलिए क्योंकि जनसत्ता में पत्रकारिता प्रतिभा के चमकने की अपेक्षाकृत अधिक सुविधा थी। उसके संपादक प्रभाष जोशी हमें पूरी छूट देते थे। इस पृष्ठभूमि में कवि कुमार लिखित पुस्तक आनी ही चाहिए थी, जो आ ही गई। इस पुस्तक में अविभाजित बिहार खासकर झारखंड क्षेत्र के राजनीतिक, नेता, माफिया, उद्योगपति आदि के बारे में ऐसी-ऐसी बातें हैं जिन्हें पाठक, खासकर नहीं पीढ़ी के लोग जानना चाहेंगे। कवि कुमार की विशेषता है उनकी विनम्रता। अक्सर सच्चाई के साथ काम करने वाले सामाजिक, राजनीतिक और बौद्धिक कार्यकर्ता व्यवहार में उद्दंड और अहंकारी हो जाते हैं परंतु कवि कुमार ने नम्रता नहीं छोड़ी। लगता है कि यह उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि से मिले संस्कारों के कारण है। विनम्र व ईमानदार पत्रकारों पर लोग बाग विश्वास कुछ अधिक ही करते हैं इसलिए उन्हें महत्वपूर्ण सूचनायें उपलब्ध कराते हैं। जमशेदपुर में उन्हें जानने वाले बताते हैं कि कवि कुमार ने अपनी जुनून भरी पत्रकारिता में अपने को इतना समर्पित कर दिया है कि वह जीवन के अन्य मध्यवर्गी आयाम और कार्यकलापों से कट से गए हैं और वैभवपूर्ण जीवन की आकांक्षा भी नहीं है। इसलिए उनका जीवन समर्पित साधकों का सा है।
झारखंड की पत्रकारिता के भीष्म पितामह माने जाने वाले संपादक पद्मश्री बलबीर दत्त ने जमशेदपुर में राजनीतिक और साहित्यकारों की एक सभा में कहा था कि कवि कुमार का नामकरण प्रसिद्ध कवि हरिवंश राय बच्चन द्वारा किया गया। हरिवंश राय बच्चन और कवि कुमार के पिता कविवर गंगाप्रसाद ‘कौशल’ मित्र थे। एक बार हरिवंश राय बच्चन कौशल जी के घर आए और उन्होंने उनके एकमात्र पुत्र का नाम पूछा। कौशल जी ने बताया कि इसका नाम अमिताभ है। तब हरिवंश राय बच्चन ने कहा कि इसका नाम अमिताभ न होकर कवि कुमार होना चाहिए, क्योंकि यह कवि का बेटा है और कवि कुमार का शाब्दिक अर्थ कवि का पुत्र होता है। हरिवंश राय बच्चन के इस सुझाव को कौशल जी ने मान लिया। इस तरह उनका नाम कवि कुमार पड़ा। पद्मश्री बलबीर दत्त की सभा में विशिष्ट अतिथि के रूप में झारखंड के लोकायुक्त डीएन उपाध्याय भी मौजूद थे। पद्मश्री बलबीर दत्त ने कवि कुमार की खोजपूर्ण पत्रकारिता की तारीफ भी की।

कवि कुमार को मिले पुरस्कार व सम्मान
1, 1986 में कवि सभा संस्था द्वारा कवि कुमार को खोजपूर्ण पत्रकारिता के लिए ‘सुशीला देवी सामंत पत्रकारिता सम्मान’ प्रदान किया गया। यह सम्मान सिंहभूम जिला केंद्रीय सहकारिता अधिकोष लिमिटेड के अध्यक्ष श्री एनएन सामंत ने दिया।

2, 24 फरवरी 2015 को रांची एक्सप्रेस के संपादक श्री बलबीर दत्त और टाटा स्टील के उपाध्यक्ष श्री पार्थो सेनगुप्ता ने संयुक्त रूप से कवि कुमार को सम्मानित किया।

3, सरकार कल्पना संस्था द्वारा कवि कुमार को ‘पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी सम्मान’ प्रदान किया गया। यह सम्मान प्रसिद्ध पत्रकार एवं साहित्यकार बच्चन पाठक सलिल के हाथों से प्राप्त हुआ।

4, 2001 में पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट लेखन के लिए सुचि सुधीर संस्था द्वारा कवि कुमार को ₹25,000 नगद और सम्मान पत्र दिया गया।

5, 29 अगस्त 2021 को डॉक्टर श्री कृष्णा सिंहा संस्थान द्वारा कवि कुमार को ‘हिंदी सेवी सम्मान’ दिया गया। यह सम्मान धनबाद के तब के सांसद पीएन सिंह के हाथों से प्रदान किया गया।

6, 7 जून 2020 को इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट ने कवि कुमार को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया।

7, इंडियन इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी पूर्वी सिंहभूम की सभा में कवि कुमार को सम्मानित किया गया। यह सम्मान पूर्व इनकम टैक्स कमिश्नर श्वेताभ सुमन ने किया।

8, पद्मश्री बलबीर दत्त ने 16 मार्च 2024 को कवि कुमार को जनसरोकार की पत्रकारिता करने हेतु रांची में विशिष्ट सम्मान प्रदान किया।

9. उड़ीसा के राज्यपाल व झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कवि कुमार को लंबे समय तक पत्रकारिता में गौरवपूर्ण योगदान देने के लिए सम्मानित किया। यह सम्मान प्रेस क्लब ऑफ जमशेदपुर की तरफ से दिया गया।

10, झारखंड अलग राज्य के प्रमुख आंदोलनकारी और आजसू के संस्थापक सूर्य सिंह बेसरा ने कवि कुमार को 22 जून 2025 को ‘झारखंड आंदोलन के प्रहरी’ का सम्मान दिया। यह आयोजन जमशेदपुर सर्किट हाउस में किया गया।

11, इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स की तरफ से कवि कुमार को 2020 में प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।

Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email Telegram WhatsApp Copy Link

Related Posts

Jamshedpur News:युद्धस्तर पर तैयारी , 14 दिसंबर की रात तक पूरा होगा मिशन, कोल्हान के पहले ‘Gen-Z डाकघर’ को दिया जा रहा अंतिम रूप

December 13, 2025

Jamshedpur News:बिष्टुपुर के रीगल बिल्डिंग में होम लेन इंटीरियर शोरूम का शुभारंभ

December 13, 2025

AAJ KA RASIFAL :13 दिसम्बर 2025 शनिवार का पंचांग और राशिफल जानें पं कुंतलेश पाण्डेय की जुबानी

December 13, 2025
Facebook X (Twitter) Pinterest Instagram YouTube Telegram WhatsApp
© 2025 BJNN. Designed by Launching Press.
  • Privacy Policy
  • Terms
  • Accessibility

Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.