जमशेदपुर की सिख संस्था जागदी ज़मीर की ओर से एक रोष मार्च सकची गुरदुवरा से निकाला गया बता दे के कुछ दिन पहले कर्नाटका में एक सिक्ख बच्ची को दस्तार पहन के आने से कर्नाटका के एक स्कूल प्रबंधक ने माना किया था जिससे सिक्खों में इसका बहुत रोष देखने को मिला जिसको देखते हुए जमशेदपुर के नोजवानो ने जमकर विरोध किया नोजवानो ने नारे लगाए पगड़ी हमारी पहचान है सिक्ख पंथ की शान है रोष। मार्च साकची गुरदुवरा होते हुए साकची बड़े गोलचकर तक पहुँचा रोष मार्च मे सदस्य रोहित दीप ने कर्नाटका सरकार को लताड़ते हुए कहा की सिक्खों की पगड़ी के बारे कोई टिप्पणी करे ये हम कभी बर्दश नहीं करेंगे वही सूरजीत सिंह ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की सविधान जब हमें अधिकार देता है तो बार बार हमारी पगड़ी पर सवालिया निशान लगाने की कोसिश क्यों की जाती है प्रचारक हरविंदर सिंह जमशेदपुर ने जमशेदपुर की तमाम गुरदुवरा कमेटियों से अपील की है की वो जमशेदपुर के तमाम स्कूलों को ख़त लिख के कहे की आठवीं कक्षा के बाद शहर के सभी स्कूलों में पगड़ी अनिवार्य किया जाना चाइए पगड़ी हमारे शरीर का एक हिस्सा है इसे हम ज़िंदगी में अपने से अलग नहीं कर सकते इस मार्च में मानगो गुरदुवरा के परधान भगवान सिंह जी ओर साकची गुरदुवरा के परधान हर्मिंदर सिंह मंटू भी शामिल थे उन्होंने भी इस घटना की कड़े शब्दों में निदया की दोनो ने केंद्र सरकार से अपील की है की भारत में जितने भी स्कूल है सभी में पगड़ी को कंपल्सरी कर देना चाहिए ओर अगर किसी को इससे अपती होगी तो जम कर इसका विरोध किया जाएगा इस रोष मार्च में जागदी ज़मिर के परभजोत सिंह ओंकार सिंह जसमीत सिंह प्रीत सिंह अरविन्दर सिंह सुखवंत सिंह जसवंत सिंह गुरदीत सिंह मानमीत सिंह आदि काफ़ी सख्य में नोजवान मौजूद थे
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