JAMSHEDPUR NEWS :वक्फ (संशोधन) विधेयक लोकसभा में पारित, झामुमो के विरोध पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने साधा निशाना, कहा- विरोध से झामुमो का आदिवासी विरोधी चेहरा खुलकर आया सामने

वक्फ (संशोधन) विधेयक लोकसभा में पारित, झामुमो के विरोध पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने साधा निशाना, कहा- विरोध से झामुमो का आदिवासी विरोधी चेहरा खुलकर आया सामने, जनजातीय समाज से झामुमो-कांग्रेस के सांसदों के सामाजिक बहिष्कार की अपील की

0 278
AD POST

 

● विधेयक झारखंड के आदिवासियों के लिए है सुरक्षा कवच, जो उनकी जमीन, संस्कृति और पहचान को संरक्षित करेगा: रघुवर दास

जमशेदपुर। लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 के पारित होने के बाद झारखंड की सियासत में हलचल तेज हो गई है। इस विधेयक का झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने कड़ा विरोध किया और लोकसभा में इसके खिलाफ मतदान किया। इस बीच, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवर दास ने गुरुवार को जमशेदपुर के एग्रिको स्थित अपने आवासीय कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए झामुमो पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के विरोध से झामुमो का “आदिवासी विरोधी चेहरा” खुलकर सामने आ गया है।

रघुवर दास ने बताया कि वक्फ (संशोधन) विधेयक में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनमें झारखंड के संदर्भ में भी अहम संशोधन शामिल है। इस विधेयक के कानून बनने के बाद संविधान की अनुसूची 5 और अनुसूची 6 के तहत आदिवासी क्षेत्रों में वक्फ संपत्ति घोषित नहीं की जा सकेगी। उन्होंने इसे आदिवासी समुदाय की मूल संस्कृति और संवैधानिक अधिकारों के संरक्षण के लिए एक बड़ा कदम करार दिया। श्री दास ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की एनडीए सरकार ने इस संशोधन के जरिए झारखंड के आदिवासियों के हितों और उनकी जमीन की रक्षा सुनिश्चित की है। यह विधेयक बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन कराकर जमीन हड़पने और उसे वक्फ संपत्ति घोषित करने की प्रक्रिया पर भी रोक लगाएगा।

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झामुमो और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के संपर्क में आते ही झामुमो तुष्टिकरण की राजनीति के जाल में पूरी तरह फंस चुका है। यह वही पार्टी है जो खुद को आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए समर्पित राजनैतिक दल के रूप में पेश कर आदिवासियों को भ्रमित करती रही है। लेकिन जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने वक्फ (संशोधन) विधेयक में आदिवासियों के हितों और जमीन की रक्षा के प्रावधान किए, तो झामुमो के लोकसभा सांसदों ने इस बिल का विरोध करते हुए इसके खिलाफ वोट किया।

AD POST

उन्होंने सवाल उठाया कि मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए आदिवासी हितों के खिलाफ जाने के झामुमो के इस कदम को झारखंड के आदिवासी समाज को देखना और समझना चाहिए। झामुमो और हेमंत सोरेन को झारखंड के आदिवासियों को जवाब देना चाहिए कि क्या वे चाहते हैं कि आदिवासी क्षेत्र की जमीन को वक्फ घोषित कर दिया जाए? श्री दास ने जोर देकर कहा कि संविधान की पांचवीं अनुसूची राष्ट्रपति द्वारा घोषित है, जिसके अंतर्गत आदिवासियों की मूल संस्कृति और संवैधानिक अधिकारों को संरक्षित किया गया है।

रघुवर दास ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में कब्रिस्तान, मजार, मकबरा, मस्जिद और दरगाहों का निर्माण और विस्तार आदिवासियों की मूल संस्कृति के एकदम विपरीत है। उन्होंने तर्क दिया कि अनुसूची क्षेत्र में वक्फ संपत्ति का होना संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। श्री दास ने कहा कि आदिवासियों के लिए घोषित अनुसूचित क्षेत्रों में वक्फ बोर्ड की किसी भी प्रकार की संपत्ति से क्षेत्र की पहचान, संस्कृति और विरासत लगातार कमजोर होती रही है। एनडीए सरकार ने इस विधेयक में यह प्रावधान कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है।

वहीं, रघुवर दास ने रांची के पिठोरिया थाना क्षेत्र में सरहुल पूजा की शोभायात्रा के दौरान पाहन पर हुए हमले का उदाहरण देते हुए कहा कि यह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुस्लिम तुष्टिकरण की कोशिशों का ही परिणाम है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज जागे और हकीकत को पहचाने, नहीं तो झामुमो मुस्लिम समुदाय को खुश करने और तुष्टिकरण के लिए आदिवासियों की पहचान, विरासत और संस्कृति को खत्म कर देगा।

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड की जनजाति समाज से अपील की कि वे झामुमो और कांग्रेस के सभी सांसदों का सामाजिक बहिष्कार करें। उन्होंने कहा कि झामुमो और कांग्रेस के सांसद वक्फ (संशोधन) विधेयक में मुसलमानों के पक्ष में खड़े हुए और आदिवासियों के हितों के खिलाफ गए। मैं झारखंड के आदिवासी समाज से अपील करता हूं कि इन सांसदों का बहिष्कार करें और इनसे जवाब मांगें कि वे इस विधेयक के खिलाफ क्यों खड़े हुए।

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि एनडीए सरकार ने वक्फ (संशोधन) विधेयक में यह सुनिश्चित किया है कि आदिवासी क्षेत्रों में अनुसूची 5 और अनुसूची 6 के तहत वक्फ संपत्ति घोषित न हो सके। यह विधेयक झारखंड के आदिवासियों के लिए एक सुरक्षा कवच है, जो उनकी जमीन, संस्कृति और पहचान को संरक्षित करेगा।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

19:22