जमशेदपुर।
मां दुर्गा के साथ रहने वाले लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश और कार्तिकेय की मूर्तियों को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। मूर्तिकार इन सभी प्रतिमाओं को समान भव्यता और श्रद्धा के साथ सजाने में जुटे हैं।”विभिन्न पूजा समितियों द्वारा पंडालों की सजावट और माँ दुर्गा की भव्य प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने का कार्य तेजी से चल रहा है। कारीगरों की महीनों की मेहनत अब मूर्त रूप ले रही है, और शहर भक्तिमय वातावरण में रंगने लगा है। शहर के कई हिस्सों में मूर्तिकार दिन-रात मेहनत कर माँ दुर्गा की प्रतिमाओं को साकार करने में लगे हैं। परंतु इस बार मूर्तिकारों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
बारिश बनी बाधा
एक वरिष्ठ मूर्तिकार ने बताया कि इस वर्ष लगातार हो रही बारिश ने प्रतिमा निर्माण में कई अड़चनें पैदा की हैं। प्रतिमा बनाने के लिए उपयुक्त मौसम की आवश्यकता होती है, परंतु इस बार नमी और अस्थिर मौसम के कारण मिट्टी की मूर्तियाँ समय पर सूख नहीं पाईं। इससे निर्माण प्रक्रिया में देरी हुई और लागत भी बढ़ी।
कारीगरों की कमी और लागत की चुनौती
मूर्तिकारों ने यह भी बताया कि अब पहले जैसे कुशल कारीगर मिलना कठिन हो गया है। युवा वर्ग इस पारंपरिक कला से दूर होता जा रहा है। वहीं, महंगाई के इस दौर में उन्हें मेहनत के अनुसार पारिश्रमिक भी नहीं मिल रहा है। “हम पूरी लगन से साल भर इस पर्व का इंतज़ार करते हैं, लेकिन मेहनताना महंगाई के अनुसार नहीं बढ़ा,” उन्होंने कहा।
फिर भी उत्साह में कोई कमी नहीं
इन सब कठिनाइयों के बावजूद, दुर्गा पूजा को लेकर श्रद्धालुओं और आयोजकों में उत्साह चरम पर है। पंडालों की भव्यता और प्रतिमाओं की सुंदरता शहर को एक बार फिर रौशन करने को तैयार है।
पंडालों में इस बार भी थीम आधारित सजावट और पारंपरिक व आधुनिक शैलियों का मेल देखने को मिलेगा। सुरक्षा और स्वच्छता के लिहाज से भी पूजा समितियाँ सतर्क हैं।

