जमशेदपुर।
दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर मंडल के अंतर्गत टाटानगर रेल सिविल डिफेंस द्वारा शनिवार को एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर इलेक्ट्रिक लोको पायलट ट्रेनिंग सेंटर में हुआ, जिसमें लोको पायलटों को नदी-तालाब में डूबते व्यक्ति को बचाने की तकनीक, डूबने की घटनाओं की रोकथाम के निवारक उपाय और आपदा प्रबंधन से जुड़ी विभिन्न विधियों का प्रशिक्षण दिया गया।
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शिविर के दौरान सिविल डिफेंस इंस्पेक्टर संतोष कुमार ने बताया कि बरसात के मौसम में उफनती नदियों और तालाबों में डूबने से होने वाली मौतों की संख्या चिंताजनक रूप से बढ़ जाती है। विशेष रूप से बच्चे और युवा पानी की लहरों से आकर्षित होकर या सोशल मीडिया पर वीडियो व रील बनाने के जुनून में खतरे में पड़ जाते हैं। ऐसे हादसों का गहरा असर पीड़ित परिवार और पूरे समुदाय पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि अक्सर जल स्रोतों के पास पर्याप्त सुरक्षा उपाय नहीं होने के कारण समय पर रेस्क्यू संभव नहीं हो पाता और जान बचाना मुश्किल हो जाता है।
कुशल प्रशिक्षक कल्याण कुमार साहू ने लोको पायलटों को रस्से का सही उपयोग, उसमें गांठ लगाकर डूबते व्यक्ति तक पहुंचाना, पीड़ित को आवाज देकर आश्वस्त करना और पानी से बाहर निकालने के बाद उसके पेट से पानी निकालने की प्रक्रिया का जीवंत प्रदर्शन किया। उन्होंने खाली बोतलों से लाइफ जैकेट बनाने, ट्यूब में हवा भरकर, गैलन और ड्रम का उपयोग कर रेस्क्यू तकनीक भी सिखाई। कल्याण साहू ने जानकारी दी कि 1 लीटर की खाली प्लास्टिक बोतल 7 किलो तक वजन संभाल सकती है। व्यक्ति अपने वजन के अनुसार पर्याप्त बोतलें सीने पर बांधकर गहरे पानी में भी 72 घंटे तक तैरते रह सकता है।
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डेमोंस्ट्रेटर शंकर प्रसाद ने CPR (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) और फायर उपकरणों के सुरक्षित उपयोग की तकनीक सिखाई। वहीं, डेमोंस्ट्रेटर अनिल कुमार सिंह ने LPG गैस लीकेज से होने वाली आग बुझाने के विभिन्न तरीकों का प्रदर्शन किया।
इस प्रशिक्षण में चक्रधरपुर मंडल के टाटानगर, बंडामुंडा, राउरकेला, रांची, आद्रा, खड़गपुर, संतरागाछी और हावड़ा से बड़ी संख्या में लोको पायलट शामिल हुए। आयोजन का उद्देश्य लोको पायलटों को न केवल रेल संचालन बल्कि आपदा की स्थिति में जान बचाने के कौशल से भी लैस करना था।
रेल सिविल डिफेंस के इस पहल की सराहना करते हुए प्रतिभागियों ने कहा कि इस तरह का प्रशिक्षण न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा बल्कि समाज के लिए भी उपयोगी है, जिससे किसी भी आपात स्थिति में तुरंत और प्रभावी रेस्क्यू किया जा सके।


