Jamshedpur News :टाटा स्टील ने उत्कर्ष ओडिशा 2025 कॉन्क्लेव में ओडिशा के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया

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~ कॉन्क्लेव में कंपनी ने नवाचार, सस्टेनेबिलिटी और सामाजिक-आर्थिक विकास में अपनी अग्रणी पहल को प्रदर्शित करने के लिए एक समर्पित पवेलियन स्थापित किया ~

~ पिछले एक दशक में, ओडिशा टाटा स्टील का देश में सबसे बड़ा निवेश गंतव्य बनकर उभरा है ~

भुवनेश्वर, : टाटा स्टील ने आज भुवनेश्वर, ओडिशा में आयोजित दो दिवसीय भव्य आयोजन उत्कर्ष ओडिशा 2025 कॉन्क्लेव में अपने निवेश और उपलब्धियों को प्रदर्शित करते हुए ओडिशा के विकास में एक महत्वपूर्ण साझेदार बनने की अपनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दोहराया।

टाटा स्टील ने ‘उत्कर्ष ओडिशा – मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2025’ में एक समर्पित पवेलियन स्थापित किया है, जिसमें नवाचार, सस्टेनेबिलिटी और सामाजिक-आर्थिक विकास में इसके अग्रणी पहलों को प्रदर्शित किया गया है। इस पवेलियन में एडवांस मैन्युफैक्चरिंग, ग्रीन इंडस्ट्री के लिए गोपालपुर इंडस्ट्रियल पार्क में बुनियादी अवसंरचना के विकास, सुबर्णरेखा पोर्ट की विशेषताएं और विस्तार योजनाओं, और ‘मेक इन इंडिया’ दृष्टिकोण में कंपनी के योगदान को प्रमुखता से दिखाया गया है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने भी अपने योगदान की कहानी इस पवेलियन में प्रदर्शित की है।

टाटा स्टील के सीईओ और प्रबंध निदेशक, टी वी नरेंद्रन ने कहा, “पिछले एक दशक में टाटा स्टील ने ओडिशा में लगभग 10 बिलियन डॉलर का निवेश किया है, जो हमारे दीर्घकालिक दृष्टिकोण और राज्य की अपार संभावनाओं को दर्शाता है। हमने कलिंगानगर में एक अत्याधुनिक स्टील प्लांट स्थापित करने के साथ-साथ नीलाचल इस्पात और भूषण स्टील जैसी परिसंपत्तियों का अधिग्रहण कर उन्हें पुनर्जीवित किया, जिससे राज्य में हमारी कुल क्षमता 11 मिलियन टन तक पहुंच गई है। अगले दशक में हम 10 मिलियन टन और क्षमता जोड़ने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। ओडिशा की खनिज संपदा, विशाल तटीय क्षेत्र, कुशल कार्यबल और प्रगतिशील सरकार ने इसे टाटा स्टील के लिए भारत में सबसे बड़ा निवेश गंतव्य बना दिया है।”

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इस मेगा इवेंट में टाटा स्टील की भागीदारी उस समय हो रही है जब कंपनी अपने कलिंगानगर प्लांट के दूसरे चरण के विस्तारीकरण को गति दे रही है। जाजपुर जिले में स्थित कलिंगानगर प्लांट, जिसे 2015-16 में 3 एमटीपीए की प्रारंभिक क्षमता के साथ चालू किया गया था, अब अपनी क्षमता को 8 एमटीपीए तक बढ़ाने के लिए ₹27,000 करोड़ के निवेश से विस्तार कर रहा है। इस विस्तारीकरण से लगभग 8,000 रोजगार सृजित होने की उम्मीद है और यह टाटा स्टील को भारतीय ऑटोमोटिव बाजार के लिए एडवांस्ड हाई स्ट्रेंथ स्टील्स (AHSS) के निर्माण में सक्षम बनाएगा, जिससे आयात पर देश की निर्भरता काफी हद तक कम होगी।

टाटा स्टील के हालिया निवेशों में 2022 में नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (NINL) प्लांट का अधिग्रहण और पुनः संचालन शामिल है। इसके अतिरिक्त, 2018 में अधिग्रहीत ढेंकनाल जिले में स्थित मेरामंडली प्लांट भी कंपनी के मैन्युफैक्चरिंग पोर्टफोलियो का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पहले भूषण स्टील के नाम से प्रसिद्ध यह प्लांट वर्तमान में 5.6 एमटीपीए का उत्पादन करता है। टाटा स्टील वर्तमान में अपने कलिंगानगर प्लांट, मेरामंडली प्लांट और एनआईएनएल इकाई के अगले चरण के विस्तारीकरण पर काम कर रही है।

टाटा स्टील का गोपालपुर, गंजाम में स्थित इंडस्ट्रियल पार्क नए उद्योगों को आकर्षित करने में तेजी से प्रगति कर रहा है। यह पार्क मुख्य रूप से नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र, जैसे ग्रीन हाइड्रोजन और सोलर सेल एवं मॉड्यूल निर्माण में लगभग 32,000 करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित कर चुका है। टाटा स्टील का ओर, माइन एंड क्वेरीज़ (OMQ) डिवीजन खनन क्षेत्र में नवाचार और सस्टेनेबिलिटी को निरंतर आगे बढ़ा रहा है।

टाटा स्टील अपने संचालन क्षेत्रों के समुदायों को योगदान देने के महत्व को समझती है। टाटा स्टील फाउंडेशन ने ओडिशा के 30 में से 27 जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका विकास पर केंद्रित कई पहल शुरू की हैं। केवल वित्त वर्ष 2024 में ही इन कार्यक्रमों ने आसपास के क्षेत्रों में 2.38 मिलियन लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है।

कंपनी खेलों के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है, जिसमें भुवनेश्वर स्थित ओडिशा नवल टाटा हॉकी हाई-परफॉर्मेंस सेंटर और 9,100 से अधिक बच्चों और युवाओं तक पहुंचने वाले ग्रासरूट कार्यक्रम शामिल हैं। टाटा आर्चरी अकादमी और टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन के साथ मिलकर, टाटा स्टील विभिन्न खेलों में उच्च-प्रदर्शन प्रशिक्षण प्रदान कर युवा प्रतिभाओं को सशक्त बना रही है, जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का गौरव बढ़ाने में सक्षम होंगे।

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