टीन एज की दुश्वारियों से दो – चार कराती सुनिधि की NOT SO SWEET 16
जमशेदपुर।
एक कहावत है-होनहार बिरवान के होत चिकने पात. पूत के पांव के पालने में दिख जाते हैं, यह कहावत भी सुनी ही होगी. हो सकता है सुना मगर गुना नहीं. बेटियां बेटों से कम है क्या, यह भी सुना ही होगा. इस बात का लोहा भी जरूर मानते होंगे कि शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जिसमें बेटियां बेटों के मुकाबिल कदमताल करते हुए अपनी मजबूत दखल का अहसास नहींं करा रही हो. हम आपको एक ऐसी ही बिटिया से रूबरू करा रहे हैं जिसने छोटी उम्र में अपनी लेखनी का लोहा मनवाया है. वह भी एक गंभीर विषय पर. टीन एज की दुश्वारियों से रूबरू कराती इस पुस्तक को प्रकाशित होने के साथ ही प्रसिद्धि भी मिल रही है.
लेखिका का नाम है सुनिधि राय. सुनिधि की पुस्तक “नॉट सो स्वीट सिक्सटीन” गुरुवार यानी 19 मई को नोशन प्रेस से प्रकाशित हुई है. सुनिधि बैचलर्स इन मॉस कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म की सेकंड ईयर की छात्रा है. गलगोटिया यूनिवर्सिटी की छात्रा सुनिधि ने हाई स्कूल तक की पढ़ाई पटना के खगौल स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल से की है. इसके बाद सीनियर सेकेंडरी की पढ़ाई साइंस स्ट्रीम से होली मिशन से की. सुनिधि को बचपन से ही अंग्रेजी में पढ़ने – लिखने का शौक रहा है. इस किताब लेखन की शुरुआत सुनिधि ने बस शौकिया थी ,लेकिन मां ने उसे इस किताब को खत्म करने की और पब्लिश करने की प्रेरणा दी.
मां ने की हौसलाअफजाई
सुनिधि की मां संस्कृत की अध्यापिका हैं और संत गगन बाबा हाई स्कूल में पदस्थापित हैं. सुनिधि के पिता एक्स सर्विस मैन अफसर हैं. इंडियन एयर फोर्स से रिटायरमेंट के बाद अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की कर्पूरी ठाकुर सदन में कार्यरत हैं. सुनिधि की पहली पसंद ग्रेजुएशन में इंजीनियरिंग थी, लेकिन जल्द ही उसे इस बात का एहसास हुआ कि उसे आर्ट्स स्ट्रीम में जाना चाहिए. उसकी किताब उन कई कहानियों को समेटती है जिसमें टीनएज की मुश्किलों से अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में गुजरता है.
Comments are closed.