Jamshedpur News:बोधनवाला घाट पर हुए हादसे को लेकर सुधीर कुमार पप्पू, अरुण सिंह और अंकित आनंद ने केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति पर उठाए सवाल
Anni Amrita
अन्नी अमृता
इस साल जमशेदपुर में विजयादशमी का दिन कभी न भूलनेवाला एक दुखद हादसे का दिन दे गया.अब इसे हादसा कहा जाए या लापरवाही या कुछ और, प्रशासन के साथ साथ केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति पर भी सवाल उठने लगे हैं. अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति को ऊंची दुकान फीके पकवान की संज्ञा दी है.उन्होंने सवाल उठाया कि सोनारी में डोबो पुल के पास बालू घाट में जहां सोनारी थाना शांति समिति का सहयोग शिविर लगा था जिसमें प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था थी वहीं केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति की ओर से आखिर आम जनों के लिए पानी और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था क्यों नहीं थी? आखिर बालू घाट की सफाई क्यों नहीं करवाई गई? बालू घाट में कांच और बांस के टुकड़ों से कई श्रद्धालु चोटिल हुए जिनके इलाज की व्यवस्था सोनारी थाना शांति समिति की तरफ से की गई. सोनारी शांति समिति के सचिव सुधीर कुमार पप्पू ने बताया कि सोनारी थाना प्रभारी विष्णु रावत और समिति के अध्यक्ष अमोल पत्रो के नेतृत्व में सोनारी की 43 दुर्गा प्रतिमाओं का शांतिपूर्वक विसर्जन हुआ. लेकिन बोधनवाला घाट पर हुए बडे हादसे ने केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति की तैयारियों की पोल खोल दी.इस घटना पर वे दुख प्रकट करते हैं.
उधर हिंदू पीठ के अध्यक्ष अरुण सिंह(केन्द्रीय दुर्गा पूजा समिति के पूर्व सचिव) ने बोधनवाला घाट पर कल विसर्जन के दौरान अनियंत्रित ट्रक की चपेट में आकर दो लोगों की मौत और तीन के गंभीर रुप से घायल होने की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति को आड़े हाथों लिया है.उन्होंने आरोप लगाया कि बोधनवाला घाट पर जब यह हादसा हुआ तब केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति के पदाधिकारी घटनास्थल से नदारद रहे. केन्द्रीय समिति के अध्यक्ष और सचिव ने तो घटनास्थल पर आने की जहमत तक नहीं उठाई. अरुण सिंह ने कहा कि बिष्टुपुर पुलिस ने हिन्दु पीठ के सहयोग से ट्रक के नीचे दबे घायलों को निकालकर अस्पताल भेजकर रात्रि तीन बजे तक विसर्जन संपन्न कराया. साथ ही उत्तेजित लोगों को शांत करवाया. अरुण सिंह ने कहा कि केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति बेहतर घाट बनाने और लाइटिंग की व्यवस्था करने में विफल रही और घाट निरीक्षण के नाम पर हवा हवाई कार्य होता रहा.
वहीं भाजपा नेता सह सामाजिक कार्यकर्ता अंकित आनंद ने इस मामले पर सोशल मीडिया एक्स (ट्वीटर) पर पोस्ट करते हुए मह्त्वपूर्ण सवाल उठाए हैं. अंकित ने लिखा है—“मैं शांति समितियों और जिला स्तरीय समिति की अकर्मण्यता पर सवाल उठा रहा हूं.जिम्मेदार पदों का नेतृत्व जब अयोग्य लोग करेंगे तो ऐसी लापरवाही और चूक से अप्रिय घटना होंगी.शहर में कुछ चुनिंदा चेहरे ही प्रशासन को घेरे रहते हैं.गलत फीडबैक देकर बरगलाया जाता है.केंद्रीय शांति समिति, केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति और केंद्रीय रामनवमी समिति में कुछ लोगों का अघोषित कब्जा है.आखिर कब होगी समीक्षा?रामनवमी, दुर्गोत्सव और छठ महापर्व जैसे विहंगम आयोजनों के लिए ऑल पार्टी मीटिंग क्यों नहीं बुलाई जाती?सांसद, विधायकों संग समन्वय क्यों नहीं?
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