जमशेदपुर।
सोनारी पुलिस का नायाब कारनामा सामने आया है. चेक बाउंस के एक मामले में आरोपित रहे बाबूलाल महानंद को सम्मन देने पुलिस उनके खूंटाडीह स्थित घर पहुंच गई जबकि एनआई एक्ट 138 के तहत दर्ज शिकायतवाद 1388/2020 का निपटारा 11 जुलाई 2024 को माननीय न्यायालय रिचेस् कुमार प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी से हो चुका है.
सोनारी पुलिस की ओर से आरक्षी 930 प्रसून कुमार द्वारा 9 सितंबर 2024 को आरोपी बाबूलाल महानंद को सम्मन दिया गया था जबकि सोनारी पुलिस द्वारा बाबूलाल महानंद को गैर जमानतीय वारंट पर गिरफ्तार कर 11 अप्रैल 2024 को जेल भेजने पर न्यायालय द्वारा जमानत हुई थी. जब मुकदमे के निस्तारण के बाद भी समन देने पुलिस पहुंची तब बाबूलाल महानंद ने पुलिसकर्मी को बताया था कि उसके मुकदमा का निस्तारण हो चुका है.अब उसके खिलाफ कोर्ट में किसी प्रकार का कोई मामला नहीं है.
आलम यह है कि सोनारी पुलिस का एक जवान फिर बाबूलाल के घर पिछले सप्ताह जनवरी 2025 को पहुंच गया और सम्मन रिसीव करने पर जोर देने लगा.बाबूलाल महानंद ने सफाई दी की जुलाई 2024 में ही मामला खत्म हो गया है, पर जवान उसका कोई तर्क सुनने को तैयार नहीं था. जवान ने धमकाया कि वह सम्मन रिसीव करें अन्यथा गिरफ्तार कर जेल भेज देंगे. डर कर बाबूलाल महानंद ने सम्मन पर रिसीविंग दे दिया.परेशान बाबूलाल महानंद कोर्ट पहुंचा और फिर जानकारी प्राप्त की तो वही नतीजा निकला कि एक 11 जुलाई 2024 को ही उसका मामला खत्म हो चुका है.प्राप्त जानकारी के अनुसार न्यायिक दंडाधिकारी एस मिंज की अदालत से 17 अगस्त 23 को सम्मन जारी हुआ था. वरीय पुलिस अधीक्षक जमशेदपुर के अभियोजन कोषांग से 28 अगस्त 2023 को वह सम्मन इस निर्देश के साथ जारी हुआ था कि इसका तामीला करवा कर 8 सितंबर 2023 तक वापस भेज दिया जाए, लेकिन एसपी के निर्देश की भी अनदेखी हो गई और नतीजा सामने है कि सोनारी पुलिस की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में खड़ी है.