नई दिल्ली/जमशेदपुर।
भारत सरकार, रेल मंत्रालय एवं रेलवे बोर्ड द्वारा आयोजित कार्यक्रम में चाईबासा न्यू कॉलोनी टुंगरी निवासी और टाटानगर में कार्यरत रेल सिविल डिफेंस इंस्पेक्टर संतोष कुमार को राष्ट्रीय पदक और प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रदान किया गया।
सम्मान समारोह नई दिल्ली स्थित रेल भवन के कक्ष संख्या 109 में आयोजित किया गया, जहां रेलवे बोर्ड के कार्यपालक निदेशक अजीत कुमार झा ने संतोष कुमार को पदक और प्रशंसा पत्र प्रदान किया। इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
दक्षिण पूर्व रेलवे से चुने गए अकेले सदस्य
दक्षिण पूर्व रेलवे से राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान पाने वाले संतोष कुमार अकेले सदस्य बने। उनका चयन नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की दक्षता बढ़ाने, नियमित मॉक ड्रिल, अभ्यास और टीम भावना को मजबूत बनाने जैसे उल्लेखनीय कार्यों के लिए किया गया। उनके नेतृत्व में सिविल डिफेंस की टीम ने न केवल तकनीकी दक्षता हासिल की, बल्कि एकजुट होकर कार्य करने की मिसाल भी पेश की।
रेलवे और राज्य सरकार दोनों में योगदान
संतोष कुमार ने चक्रधरपुर मंडल के साथ-साथ दक्षिण पूर्व रेलवे के अन्य डिवीजनों को भी प्रेरित किया। वे नियमित रूप से मॉक ड्रिल और सार्वजनिक प्रदर्शन आयोजित कर नागरिकों में आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूकता लाते रहे हैं।
उन्होंने झारखंड सरकार की योजनाओं में भी सक्रिय सहयोग दिया है—चाहे वह लोकसभा और विधानसभा चुनाव में वोटर जागरूकता अभियान हो या फिर ग्रामीण एवं शहरी स्वास्थ्य केंद्रों में आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण।
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राष्ट्रीय और जोनल स्तर पर लगातार सम्मानित
संतोष कुमार इससे पहले भी कई बड़े पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। उन्हें 69वें रेलवे सप्ताह (2024) में विशिष्ट रेल सेवा पुरस्कार, 2022 में PCSओ अवार्ड, 2018 में सीनियर एसडीजीएम अवार्ड, और तीन बार डीआरएम अवार्ड (2002, 2005, 2007) मिल चुका है। टाटानगर में वे दो बार सिनियर डीईई अवार्ड (2010, 2017) से भी सम्मानित हो चुके हैं।
उनके नेतृत्व में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान करीब 18,000 नागरिकों को आपदा बचाव प्रशिक्षण दिया गया। वहीं टाटानगर स्थित रेलवे इलेक्ट्रिक लोको पायलट ट्रेनिंग सेंटर में लगभग 10,000 लोको पायलटों को अग्नि सुरक्षा और प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण दिया गया।
“साइलेंट हीरो” की उपाधि
पश्चिमी सिंहभूम के तत्कालीन उपायुक्त अरवा कमल ने संतोष कुमार की प्रबंधन शैली को सराहते हुए उन्हें “साइलेंट हीरो” की उपाधि दी थी। वहीं, चाईबासा के पूर्व एसएसपी इंद्रजीत महता और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी उनकी कार्यशैली की सराहना की थी।
संतोष कुमार का यह राष्ट्रीय सम्मान न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों का प्रमाण है, बल्कि दक्षिण पूर्व रेलवे और झारखंड राज्य के लिए गर्व का विषय भी है।


