Jamshedpur News :संस्कार भारती के तीन दिवसीय प्रांतीय नाट्योत्सव की हुई शुरूआत

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जमशेदपुर।

भले ही टीवी के ज़माने के बाद अब मोबाईल युग ने थियेटर ड्रामे के महत्व को कम किया है लेकिन सीधे रुबरू होकर पात्रों को को देखना एक अलग ही अनुभव देता है जिसका असर ही अलग होता है।जमशेदपुर के बिष्टुपुर तुलसी भवन में संस्कार भारती , जमशेदपुर महानगर की ओर से आयोजित तीन दिवसीय नाट्योत्सव के शुभारंभ पर अतिथियों ने ये बात कही.राज्य भर से आईं टीमें आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित इस नाट्योत्सव में शिरकत कर रही हैं.शुभारंभ कार्यक्रम में भारतीय नृत्य की प्रस्तुति ने लोगों का मन मोह लिया.

दूसरे दिन नाटक पर लघु कार्यशाला का हुआ आयोजन, नाटकों की हुई प्रस्तुति
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संस्कार भारती जमशेदपुर महानगर इकाई के तीन दिवसीय नाट्य उत्सव के दूसरे दिन आज प्रथम सत्र में नाटक से संबंधित एक लघु कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें नाटकों से संबंधित बारीकियों पर प्रश्न उत्तर सत्र का आयोजन हुआ.झारखंड प्रांत के उपाध्यक्ष श्री राकेश रमन, नाट्य संयोजक प्रोफेसर मलकानी, सह संयोजक श्रीमती अनीता सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष सुशील अंकन और विधा प्रमुख देवव्रत जी ने प्रश्नों के उत्तर दिए। प्रोफ़ेसर मलखान जी ने एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि एक कलाकार के चरित्र को परिमार्जित करने में दूसरी ललित कलाओं जैसे चित्रकला,नृत्य, संगीत इत्यादि का बहुत महत्त्व होता है। उन्होंने नाटक के रस ,भाव,अभिनय, वृति, प्रवृत्ति,योगमंडापम की व्याख्या की। सुशील अंकन जी ने बताया कि नाटक की अपनी सीमाएं हैं लेकिन फिल्म विस्तृत है ।राकेश रमन जी का कहना था कि रंगमंच संभावनाओं का परिमार्जन है ।नाटक समाज का चरित्र है। इसी क्रम में एक प्रतिक्रिया सत्र का भी आयोजन हुआ जिसमें विभिन्न इकाई के कलाकारों ने अपनी बातों को रखा

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