
Anni Amrita


जमशेदपुर.
आज की भागदौड़ की जिंदगी में लोग दो पल के लिए अगर ध्यान करते हैं तब वे पाते हैं कि खुद के भीतर झांकना कितना सुकून देता है.ऐसा करने पर हम पाते हैं कि दूसरों में कमियां निकालने की बजाय आत्म विश्लेषण कर हम अपना सुधार करें तो जीवन बदल जाएगा..
कबीर कहते हैं–बुरा जो देखन मैं चला बुरा न मिलिया कोय
जो दिल खोजा आपना मुझसे बुरा न कोय.
कबीर दास ने सदियों पहले अपने दोहों से जन जीवन में ऐसी आध्यात्मिक चेतना का प्रवाह किया कि आज भी इसमें डुबकी लगाना राहत प्रदान करता है.जमशेदपुर के तुलसी भवन में ‘सहयोग’ संस्था ने कबीर जयंती अनोखे तरीके से मनाकर कुछ ऐसा ही मौका दिया कि लोगों ने आध्यात्मिक डुबकी लगाई.अतिथियों और सहयोग के सदस्यों के माध्यम से कबीर के दोहों और साखियों को करीब से समझने का लोगों को मौका मिला.
कार्यक्रम में मौजूद मुख्य अतिथि रामानंद प्रसाद ने कबीर की फिलाॅसफी को तत्कालीन राजनीतिक और देश काल की परिस्थितियों के बीच एक अलग ही परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत किया जो काफी ज्ञानवर्द्धक था.वहीं विशिष्ट अतिथि संदीप मुरारका ने कबीर के महत्व को रेखांकित किया कि कैसे यह जीवन को प्रभावित करता है.
कार्यक्रम में कबीर दास को लेकर क्विज प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जो काफी दिलचस्प रहा.कबीर के जीवन से जुड़ी छोटी छोटी चीजों पर आधारित प्रश्नों ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया.
कार्यक्रम में नीलम पेरीवाल, अनिता निधि,पूनम सिंह व अन्य ने कबीर को समर्पित स्वरचित दोहे व कविताएं सुनाकर सबका दिल जीत लिया.यह एक प्रतियोगिता थी जिसमें ज्योत्सना अस्थाना व अन्य ने जज की भूमिका निभाई.कार्यक्रम के प्रथम सत्र का संचालन नीलम और दूसरे सत्र का संचालन रजनी ने किया.
कार्यक्रम के आयोजन में डाॅ रागिनी भूषण,डाॅ जूही समर्पिता,डाॅ संध्या सिन्हा,रेणुबाला व अन्य की महत्वपूर्ण भूमिका रही.कबीर जयंती में सरिता सिंह,अल्पना बोस,सुष्मिता,अन्नी अमृता व अन्य कई लोग उपस्थित थे.