Jamshedpur News:रोटरी क्लब जमशेदपुर वेस्ट के पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम में छात्रों ने उठाए गहन सवाल

जमशेदपुर।
कदमा में छात्रों को पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए किया गया प्रेरित
जमशेदपुर। रोटरी क्लब जमशेदपुर वेस्ट द्वारा पर्यावरण संरक्षण को लेकर चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के तहत टाटा वर्कर्स यूनियन स्कूल, कदमा में आज एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रसिद्ध पर्यावरणविद एवं सामाजिक उद्यमी डॉ. बिक्रांत तिवारी ने विद्यार्थियों से सीधी बात करते हुए उन्हें पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित किया। डॉ. तिवारी ने कहा कि बदलाव की शुरुआत चर्चा से नहीं, छोटे-छोटे ठोस कदमों से होती है। प्राकृतिक संसाधन हमारी जरूरतों के लिए हैं, लालच के लिए नहीं। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे कचरा प्रबंधन और वर्षा जल संचयन जैसे विषयों पर अपने माता-पिता, शिक्षकों और नेताओं से सवाल पूछें और जवाबदेही तय करें। कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं ने न सिर्फ ध्यानपूर्वक सत्र में भाग लिया, बल्कि अपनी जिज्ञासा भी खुलकर रखी। पायल (कक्षा 9) ने बताया कि उनके स्कूल में ई-कचरे को अलग से एकत्र करने की पहल की गई है। आयुषी ने सवाल उठाया ‘जब ग्लोबल वॉर्मिंग एक गंभीर सच्चाई है, तो सरकार इसे सर्वाेच्च प्राथमिकता क्यों नहीं देती?‘ मार्डी (कक्षा 10) ने अपने गांव का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे गांव में वर्षा जल को बचाया जाता है, लेकिन शहरों में पढ़े-लिखे लोग उसे नाली में बहा देते हैं। क्या गांव वाले ज्यादा समझदार हैं?। डॉ. तिवारी ने इन सभी सवालों का सहज, तार्किक और प्रेरणात्मक उत्तर दिया। अंत में उन्होंने सभी विद्यार्थियों को शपथ दिलवाई कि वे विश्व पर्यावरण दिवस और अपने जन्मदिन पर कम-से-कम एक पेड़ जरूर लगाएंगे, उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा करेंगे और इस पहल के तहत रोटरी क्लब की ओर से उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा। इस अवसर पर रोटरी क्लब जमशेदपुर वेस्ट के अध्यक्ष डॉ. अमित मुखर्जी, सेक्रेटरी दीप्ति सिंह, जे बी सिंह, अनुपमा सहगल, नन्द किशोर अग्रवाल, अभिजीत मित्रा, चौधरी जी, विद्यालय की प्रिंसिपल सेटेंग करकट्टा और शिक्षकगण उपस्थित थे। कार्यक्रम ने विद्यार्थियों को न केवल पर्यावरणीय मुद्दों की गंभीरता से रूबरू कराया, बल्कि उन्हें समाधान का हिस्सा बनने की दिशा में भी अग्रसर किया। यह कार्यक्रम न केवल एक संवाद था, बल्कि हरियाली की ओर एक ठोस पहल का प्रारंभ भी।