जमशेदपुर : यंग इंडियंस के तत्वावधान में ह्यूमन वेलफेयर ट्रस्ट के सहयोग से आज मानगो में सड़क सुरक्षा रैली निकाली गई, यह रैली आजाद नगर थाना से होकर ओल्ड पुरुलिया रोड स्थित एम ओ एकेडमी स्कूल पहुंची जहां स्कूल के प्रागंण में बच्चों को रोड सेफ्टी के बारे में बताया गया. उन्हें बताया गया कि किस प्रकार रोड सेफ्टी का पालन नहीं करने से हम दुर्घटना का शिकार होते हैं.इसके बाद सभी स्कूली और मदरसों के बच्चों को जागरूक करते हुए रैली के रूप में ओल्ड पुरुलिया रोड स्थित सहेली टेलर तक गई. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर जमशेदपुर ट्रैफिक डीएसपी संजय कुमार सिंह, मानगो यातायात थाना प्रभारी बंधन भगत, आजाद नगर थाना प्रभारी राकेश कुमार सिंह एवं ह्यूमन वेलफेयर ट्रस्ट और यंग इंडियन्स, हम,बिल्डिंग भारत, कान्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के सदस्य मौजूद थे.मौके पर मौजूद ट्रैफिक डीएसपी संजय कुमार सिंह ने बच्चो ंको संबोधित करते हुए कहा कि केवल कानून बनाने से और जुर्माना लगाने से दुर्घटनाओं का समाधान संभव नहीं है.इन समस्याओं को रोकने के लिए सामाजिक संगठनों और लोगों को आगे आना होगा. उन्हें अपनी आदतों में बदलाव करना होगा.आज के इस रोड सेफ्टी अवेयरनेस प्रोग्राम को सफल बनाने में यंग इंडियंस, ह्यूमन वेल्फेयर ट्रस्ट, मदर्स होम, कबीर मेमोरियल उर्दू हाई स्कूल, विवेकानंद इंटरनेशनल हाई स्कूल, मदरसा जियाया दारूल किरात, एम.ओ एकेडमी हाई स्कूल का महत्वपूर्ण योगदान रहा. इसमें यंग इंडियंस की ओर से को चेयर रोड सेफ्टी आकाश आनंद, यंग इंडियंस के को चेयर कौशिक मोदी, सुनील पारीक उपस्थित थे.इस सड़क सुरक्षा अभियान को कामयाब बनाने में आजाद नगर थाना के एसआई साबिर अली, ह्यूमन वेल्फेयर ट्रस्ट के ट्रस्टी सैयद आसिफ अख्तर, आजाद नगर थाना शांति समिति के सेक्रेटरी मुख्तार आलम खान, अध्यक्ष मतीन उल हक अंसारी, मोहम्मद मोइनुद्दीन अंसारी, सिद्दीकी अली, शाहिद परवेज, ताहिर हुसैन, सोहेल अख्तर अंसारी, आफताब आलम, मुमताज शरीक, रिजवान औरंगाबादी, मासूम खान, अल कबीर पॉलिटेक्निक कॉलेज के मकबूल आलम, रिजवान अहमद, का सराहनीय योगदान रहा.
फरिश्ते सेशन का आयोजन
इस दौरान यंग इंडियंस की ओर से स्कूली बच्चों के लिए फरिश्ते सेशन का आयोजन किया गया. इसमें बच्चों को गुड सैमेरिटन नीति के बावत जानकारी दी गयी कि अगर कोई व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल को अस्पताल लेकर जाता है तो उससे किसी तरह की पूछताछ नहीं की जा सकती. पहले लोग कानूनी कार्रवाई के डर से सड़क दुर्घटना में घायल को राहत देने से परहेज करते थे, लेकिन गुड सैमेरिटन पॉलिसी के बाद डरने की जरूरत नहीं रह गयी है. इसलिए सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को अस्पताल तक पहुंचाने में डरने की जरूरत नहीं है.






