जमशेदपुर। शहर में लगातार दो दिनों के भीतर सोनारी और बिष्टुपुर में हुए दो बड़े लूट कांडों ने न सिर्फ आम नागरिकों बल्कि व्यापारी वर्ग को भी भयभीत कर दिया है। इन घटनाओं को लेकर जमशेदपुर के सांसद बिद्युत बरण महतो ने शुक्रवार को कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह घटनाएं इस बात का जीता-जागता सबूत हैं कि पूरे झारखंड में विधि व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है।
सांसद महतो ने कहा कि व्यापारी, उद्यमी और आम नागरिक अपने को भयाक्रांत महसूस कर रहे हैं। जमशेदपुर में पुलिसिंग पूरी तरह फेल हो गई है। उन्होंने कहा कि अब तक लोग चेन स्नैचिंग और मोबाइल छिनतई से त्रस्त थे, लेकिन अब इस तरह की बड़ी घटनाओं ने यह साबित कर दिया है कि अपराधी पूरी तरह बेलगाम हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि शहर में गोलीबारी की घटनाएं आम हो चुकी हैं। दूसरी ओर पूरे शहर में ड्रग्स का धंधा धड़ल्ले से चल रहा है और युवा पीढ़ी इसकी गिरफ्त में आ रही है। सांसद का आरोप है कि ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस प्रशासन ने अपराधियों के सामने समर्पण कर दिया है या फिर उनके साथ सांठगांठ कर ली है।
पिछले दो दिनों में सोनारी और बिष्टुपुर में हुई बड़ी लूट की घटनाएं यह साबित करती हैं कि झारखंड में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है।
व्यापारी, उद्यमी और आम नागरिक भयभीत हैं। आए दिन शहर में चेन स्नैचिंग, मोबाइल छिनतई और गोलीबारी जैसी वारदातें आम हो गई हैं। ड्रग्स का खुला…
— Bidyut Baran Mahato (@mpbidyutmahato) September 4, 2025
महतो ने कहा कि “घटना के बाद अपराधियों को पकड़ लेना एक अलग बात है, लेकिन अपराध पर रोक लगाना दूसरी और कहीं अधिक महत्वपूर्ण बात है। पुलिस केवल घटना के बाद कार्रवाई कर रही है, जबकि रोकथाम की दिशा में पूरी तरह विफल साबित हो रही है।”
इससे पूर्व सांसद बिद्युत बरण महतो ने सोनारी स्थित वर्धमान ज्वेलर्स के लूटकांड स्थल का दौरा किया। उन्होंने मौके पर मौजूद लोगों से बातचीत कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली।
महतो ने कहा कि जल्दी ही एक प्रतिनिधिमंडल जिला उपायुक्त और वरीय पुलिस अधीक्षक से मिलकर इस संबंध में त्वरित और कड़ी कार्रवाई की मांग करेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन की ओर से ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आम जनता को आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा।
उन्होंने व्यापारी और उद्यमी वर्ग से भी अपील की कि वे अपने अधिकारों और सुरक्षा को लेकर एकजुट हों। सांसद महतो ने कहा कि कानून-व्यवस्था पर सख्ती से अंकुश लगाना सरकार और प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है।

