भारतीय राजनीति और प्रशासन के एक युगपुरुष, मेघालय के पूर्व राज्यपाल और जम्मू-कश्मीर के भूतपूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए सीजीपीसी के प्रधान भगवान सिंह ने मलिक के निधन पर गहरा दुख जताते हुए उन्हें किसानों का सच्चा हितैषी और बेबाक सच की आवाज बताया।
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मंगलवार को भगवान सिंह ने अपने शोक संदेश में कहा, सत्यपाल मलिक ने हमेशा सच का साथ दिया और किसानों के हक के लिए बिना डरे अपनी आवाज बुलंद की। चाहे वह किसान आंदोलन हो या अन्याय के खिलाफ उनकी बेबाक राय, मलिक ने कभी सत्ता के सामने सिर नहीं झुकाया। उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है।
भगवान सिंह जिन्होंने जमशेदपुर में किसानों के पक्ष में केंद्र सरकार के विरुद्ध आवाज बुलंद की थी, उन्होंने कहा सत्यपाल मलिक को विशेष रूप से उनके उस साहस के लिए याद किया जाएगा, जब उन्होंने किसान आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार की नीतियों पर खुलकर सवाल उठाए। उन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों का समर्थन किया और उनकी मांगों को राष्ट्रीय मंच पर उजागर किया। मलिक की यह बेबाकी उन्हें जनता के बीच एक लोकप्रिय और सम्मानित नेता बनाती थी। भगवान सिंह ने इस संदर्भ में कहा, सत्यपाल मलिक ने किसानों की पीड़ा को समझा और उनकी आवाज को दिल्ली तक पहुंचाया। यह उनके साहस और संवेदनशीलता का परिचायक है। भगवान सिंह ने कहा- सत्यपाल मलिक के निधन से देश ने एक सच्चा जनसेवक खो दिया है, लेकिन उनकी विरासत और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे हमेशा जीवित रहेंगे। उनकी आत्मा को शांति मिले, यही देश की प्रार्थना है।
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गौरतलब है कि सत्यपाल मलिक का जीवन भारतीय राजनीति और प्रशासन में साहस, सत्यनिष्ठा और जनसेवा का प्रतीक रहा। 30 सितंबर 2017 से 21 अगस्त 2018 तक बिहार के राज्यपाल के रूप में उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया। इसके बाद 21 अगस्त 2018 को उन्हें जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में नेतृत्व प्रदान किया। मलिक 1989 से 1991 तक अलीगढ़ लोकसभा सीट से जनता दल के सांसद रहे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं।

