जमशेदपुर,। हूल दिवस के अवसर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक कुणाल षाडंगी ने आज पूर्वी सिंहभूम ज़िले के मुसाबनी, चाकुलिया और जमशेदपुर के विभिन्न क्षेत्रों में वीर शहीद सिद्धू-कान्हू की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने मुसाबनी प्रखंड के 3 नंबर बस स्टैंड, चाकुलिया के दिघी गांव, और जमशेदपुर प्रखंड के हलुदभनी व खुखराडीह पहुंचकर सिद्धू-कान्हू की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान स्थानीय ग्रामीणों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और झामुमो कार्यकर्ताओं की बड़ी भागीदारी रही। कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को अपने इतिहास और आदिवासी स्वाभिमान से जोड़ना था।
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में अपने उद्बोधन के दौरान कुणाल षाडंगी ने कहा, “वीर शहीद सिद्धू और कान्हू ने 1855 में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ ‘हूल विद्रोह’ का नेतृत्व किया था, जो भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की नींव रखने वाला पहला आदिवासी जन-आंदोलन था। उनकी कुर्बानी ने झारखंड की पहचान, अस्मिता और स्वाभिमान को मजबूती दी है।”
उन्होंने आगे कहा कि सिद्धू-कान्हू जैसे वीरों की स्मृति केवल इतिहास के पन्नों में नहीं, बल्कि झारखंड के हर युवा के दिल में जिंदा रहनी चाहिए। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे इन वीरों के आदर्शों पर चलें और समाज में बदलाव लाएं।
इस अवसर पर झामुमो के कई स्थानीय पदाधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि, ग्रामीण महिलाएं व पुरुष, युवा कार्यकर्ता और छात्र भी उपस्थित थे। सभी ने सामूहिक रूप से हूल विद्रोह के शहीदों को नमन किया और समाज में शांति, एकता तथा अधिकारों के लिए संघर्षरत रहने का संकल्प लिया।
कुणाल षाडंगी का यह दौरा न केवल श्रद्धांजलि कार्यक्रमों तक सीमित रहा, बल्कि उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंवाद कर आदिवासी समाज के मुद्दों को भी समझा और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।