जमशेदपुर। जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज में आज “दर्शन, मानवता एवं समाज सेवा” विषय पर एक-दिवसीय राष्ट्रीय व्याख्यान का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता पद्मश्री आदरणीय अशोक भगत जी थे। कार्यक्रम की शुरुआत दीपप्रज्वलन एवं वंदना के साथ अत्यंत पावन और गरिमामय माहौल में हुई।
READ MORE :Jamshedpur News :मिथिला सांस्कृतिक परिषद् ने Adityapur में जरूरतमंदों को बांटे कंबल
“दर्शन जीवन का व्यवहारिक सत्य है”— प्राचार्य डॉ. अमर सिंह
अध्यक्षीय संबोधन में प्राचार्य डॉ. अमर सिंह ने जीवन में सादगी और सेवा को सर्वोच्च मूल्य बताते हुए कहा—
“मनुष्य के जीवन का वास्तविक सौंदर्य सादगी और सेवा में निहित है। दर्शन केवल पढ़ने की वस्तु नहीं, बल्कि जीवन और समाज में उतारने योग्य व्यवहारिक सत्य है।”
उन्होंने बाबा अशोक भगत जी को “जीवंत दर्शन” की संज्ञा देते हुए कहा कि—“त्याग, करुणा और सरलता से मानवता की नई परिभाषा गढ़ने वाले बाबा जी आधुनिक युग में प्रकृति और समाज के संतुलन के प्रतीक हैं।”
READ MORE :AI in Judiciary India :कानूनी क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग
“अशोक भगत जी—बुद्ध, टैगोर, गांधी की नैतिक परंपरा के वाहक”
विषय प्रवेश कराते हुए डॉ. डुमरेंद्र राजन ने दर्शन की मानवतावादी परंपरा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अशोक भगत जी बुद्ध, टैगोर और गांधी की नैतिक धारा को आगे बढ़ाने वाले व्यक्तित्व हैं।उन्होंने कहा—“दर्शन का मूल संदेश है— मानवता के लिए समर्पण। यह परंपरा सुकरात से आरंभ होकर आज भी अशोक भगत जी जैसे व्यक्तित्वों के माध्यम से जीवित है।”
पद्मश्री अशोक भगत जी का प्रेरक संदेश
अपने मुख्य वक्तव्य में अशोक भगत जी ने जीवन को सरलता, त्याग और सहअस्तित्व की दृष्टि से देखने की अपील की। उन्होंने कहा—
“अभाव में रहना कोई कमजोरी नहीं, बल्कि जीवन की श्रेष्ठ साधना है। यदि हम सच में मानव हैं, तो हमें प्रकृति और दूसरों के दुःख को समझना चाहिए। वसुधैव कुटुंबकम जीवन का वास्तविक सूत्र है— जब हम प्रकृति को मित्र मान लेते हैं, तब वेदांत अपने सच्चे रूप में फलित होता है।”
संचालन और धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम का संचालन डॉ. स्वाति सोरेन एवं डॉ. पास्कल बेक द्वारा संयमित ढंग से किया गया।अंत में डॉ. किरण दुबे ने सभी अतिथियों, वक्ताओं और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
छात्रों और शिक्षकों की उत्साही भागीदारी
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षक, गैर-शिक्षकीय कर्मचारी, एनसीसी कैडेट्स और छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे आयोजन अत्यंत प्रभावशाली, सफल और स्मरणीय बन गया।


