जमशेदपुर/बेंगलुरु।
धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर पूरे देश में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसी क्रम में जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो, जो इन दिनों अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण संबंधी संसदीय समिति के अध्ययन दौरे पर बेंगलुरु में हैं, उन्होंने समिति के अध्यक्ष और अन्य सांसदों के साथ मिलकर भगवान बिरसा मुंडा को सादर नमन किया और श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
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“बिरसा मुंडा का उलगुलान ही आज़ादी और झारखंड की पहचान की नींव” — सांसद महतो
श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा भारत के उन महान बलिदानियों में हैं जिन्होंने अंग्रेजों के अत्याचार, अन्याय और गुलामी के विरुद्ध आदिवासी समाज का नेतृत्व करते हुए आज़ादी का बिगुल फूंका।
उन्होंने कहा—
“बिरसा मुंडा के उलगुलान का ही प्रतिफल है कि हमें एक ओर देश की आज़ादी मिली और दूसरी ओर झारखंड को अलग राज्य के रूप में पहचान प्राप्त हुई।”
सांसद ने कहा कि झारखंड राज्य गठन के बावजूद बिरसा मुंडा के सपनों का झारखंड अभी भी अधूरा है, और इसे पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास आवश्यक है।
जनजातीय गौरव दिवस पर लिया संकल्प
सांसद महतो ने कहा कि आज का दिन खासकर जनजातीय समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने के निर्णय को उन्होंने ऐतिहासिक बताया।
उन्होंने कहा—
“आज हम सभी संकल्प लें कि झारखंड को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएँगे और भगवान बिरसा मुंडा के पदचिन्हों पर चलते हुए उनके सपनों का आधुनिक, सशक्त और स्वाभिमानी झारखंड बनाएंगे।”
संसदीय समिति के सांसद भी रहे उपस्थित
बेंगलुरु में आयोजित इस श्रद्धांजलि समारोह में संसदीय समिति के अध्यक्ष, सतना के सांसद गणेश सिंह, सहित समिति के सभी सदस्यों ने भाग लिया और बिरसा मुंडा के चित्र पर पुष्प अर्पित किए।
सभी सांसदों ने इस अवसर पर आदिवासी उत्थान, सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के मुद्दों पर भी अपने विचार साझा किए।
सांसद महतो ने कहा कि बिरसा मुंडा का जीवन, संघर्ष और उनके आदर्श देश और समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने भारत के आदिवासी समाज को जागृत करने के साथ-साथ स्वतंत्रता आंदोलन में भी अमिट योगदान दिया।
कार्यक्रम का समापन जनजातीय गौरव दिवस के जयघोष और आदिवासी नायकों के प्रति सम्मान के साथ हुआ।


