JAMSHEDPUR NEWS :मैथिली पूर्ण रूप से व्याकरण सम्मत भाषा है सरयू राय

मिथिला राज्य का निर्माण न होना भारत सरकार के राज्य निर्माण की प्रक्रिया पर प्रश्न चिन्ह है -धनाकर ठाकुर

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झारखंड के नियोजन नीति में मैथिली को स्थान मिलना दुर्भाग्यपूर्ण -नारायण यादव

 

मैथिली को शीघ्र ही शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलना चाहिए -डॉ अशोक अविचल

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जमशेदपुर।

अंतर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद जमशेदपुर द्वारा आयोजित 36 में अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन का जोरदार आगाज शोभायात्रा से हुआ। विद्यापति परिसर गोलमुरी से हजारों मैथिली भाषण पंक्तिबद्ध होकर एवं कॉलेज होते हुए गोलमुरी चौक की परिक्रमा कर तीन प्लेट गेट के गोल चक्कर से होते हुए विद्यापति परिसर में आकर पूर्ण हुआ। लाल और पीले साड़ी में मैथिल महिलाएं जिनकी संख्या काफी थी और धोती कुर्ता पाक में पुरुष अलग ही छटा बिखेर रहे थे। इतनी बड़ी संख्या में मैथिली भाषाओं का जत्था पहली बार पारंपरिक परिधान में सड़क पर उतरा था। उनके हाथ में पत्तियां थी जिस पर कई नारे लिखे हुए थे जो मिथिला राज्य के निर्माण झारखंड में के नियोजन नीति में मैथिली को स्थान और शास्त्रीय भाषा के रूप में मैथिली को दर्जा देने से संबंधित था।
इसके बाद कार्यक्रम का विधिवत मनुष्य उद्घाटन हुआ और उद्घाटन विधायक सरजू राय संस्थापक अध्यक्ष डॉ धनांका ठाकुर केंद्रीय अध्यक्ष डॉ अशोक का विशाल नेपाल के अध्यक्ष रामधन यादव ने संयुक्त रूप से किया। विधायक सरयू 99 ने अपने उद्बोधन में कहा कि बिहार और झारखंड में मैथिली ऐसी भाषा है जो व्याकरण और भाषा वैज्ञानिक रूप से सुगठित है। एक बोली को भाषा बनने में हजारों वर्ष की साहित्यिक श्रम की आवश्यकता होती है जो मैथिली भाषण ने किया है।उन्होंने कहा कि झारखंड में मैथिली को नियोजन नीति में स्थान नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है मैंने इसके लिए आवाज भी उठाई थी मगर वह अभी तक हो नहीं सका है मेरा प्रयास जारी रहेगा।
दो धन के ठाकुर ने 1993 में इसकी स्थापना के साथ आज 36 अनुसांगी इकाइयों के कार्यरत होने की बात कही और मैथिली भाषण से संगठित होकर मिथिला राज्य अभियान को गति देने का आग्रह किया।
नेपाल के अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद के अध्यक्ष रामधन यादव ने मिथिला मधेश राज्य के गठन से संबंधित बातों को रखा और कहा कि केंद्रीय स्तर पर दो राज्यों में मैथिली को राज्य भाषा का दर्जा मिल गया है परंतु अभी तक नोटिफिकेशन नहीं हुआ है जल्दी ही हम लोग इसके लिए बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे और उम्मीद है कि यह शीघ्र पूरा होगा।
डॉ अशोक अभिचल ने त्याचे उद्बोधन देते हुए कहा कि मेरी अध्यक्षता में यह तीसरा अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन है और महिलाओं में जिस प्रकार से जागृति आई है उसे लगता है कि मैथिली और मिथिला के उचित मांग को कोई अब दवा नहीं सकता है। भारी संख्या में मैथिल महिलाओं की उपस्थिति से गदगद अशोक कवि सम्मेलन कहा कि जानकी ने बीड़ा उठा लिया है तो मिथिला राज्य भी बंद कर रहेगा और झारखंड के नियोजन नीति में भी मैथिली को स्थान मिलेगा। उन्होंने झारखंड के निर्माण में मैथिली भाषाओं के योगदान की चर्चा की और पहले बेलदानी सदानंद झा को बताया। उन्होंने भाव पितानंद ओझा की भी चर्चा की जिसने झारखंड राज्य के निर्माण के लिए पहला गीत लिखा।
झारखंड प्रदेश के अध्यक्ष अमरनाथ जाने झारखंड में संगठन की स्थिति को मजबूत करने की बात कही। इससे पहले सभी अतिथियों का परंपरागत चादर और पद से सम्मानित किया गया।
आज शहर के कई मैथिली भाषा चिकित्सकों को मिथिला गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया जिसमें डॉक्टर नागेंद्र सिंह डॉन झा डॉक्टर बलराम झा डॉक्टर जीवेश मलिक, डॉ रोहित झा डॉ श्रुति आदि सम्मिलित थे। उद्घाटन सत्र का संचालन घाटशिला कॉलेज के प्राचार्य डॉ आर के चौधरी ने किया
इसके बाद महिला सत्र की अध्यक्षता डॉक्टर त्रिपुरा झा ने किया। और इसका संचालन कवि श्री ने किया। महिला विमर्श सत्र में कल 12 आलेख पढ़े गए। आलेख पढने वाली महिलाओं में नूतन झा पिंकी झा पूनम ठाकुर नीलम झा रूपम झा रंजन खान राधा अंचिता माला झा रूबी झा नीलम झा अनुराधा झा आदि प्रमुख थी।
इसके बाद आज तकनीकी सत्र जिस संगठन सत्र दिया गया था उसमें मिथिला राज संघर्ष समिति के दो राममोहन झा डॉक्टर रामसेवक सिंह मैथिली संगठन के डॉक्टर प्रवीण चौधरी सदरे आलम गुहार शंकर पाठक लवण चौधरी शिवचंद्र झा विवेकानंद झा कौशल पाठक सहित 22 लोगों ने अपना शोध पत्र संगठन की आवश्यकता संगठन का कर्तव्य अपने-अपने संगठनों का कार्य और भविष्य में संगठनों के बीच एकता स्थापित करने की चुनौती पर दहन विमर्श प्रस्तुत किया। इस सत्र की अध्यक्षता अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद के संस्थापक डॉक्टर धर ठाकुर ने किया और संचालन डॉक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने किया।
इसके बाद पंकज राय के संयोजन में भव्य आनंद मेला का आयोजन किया गया जिसमें मिथिला की महिलाओं ने 12 स्टाल लगाए। आनंद मेला में मछली चावल से लेकर मालपुआ कचरी ठंडाई अधूरी धनोरी तिलोरी किसी आदि से बने सामानों का भी स्टॉल लगाया गया था। सांस्कृतिक संध्या का संयोजन प्रसिद्ध गीतकार शिवकुमार टिल्लू ने किया। इसमें अनामिका झा के मृत्यु ने मनमोहा तो स्वाति रानी ने अपने झमकौआ गीतों से लोगों को खूब झुमाया। सभी चार प्रसिद्ध गीतकारों और नृत्यांगना को कला संगीत सम्मान से सम्मानित किया गया। स्वागत भाषण अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद जमशेदपुर का अध्यक्ष अशोक कुमार दास ने दिया और धनबाद ज्ञापन महासचिव विपिन झा ने किया। पूरे कार्यक्रम की विशेषता या रही कि वैश्विक स्तर पर इसका लाइव स्ट्रीमिंग किया गया जिससे हजारों लोग ने देखा।

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