जमशेदपुर।
साहित्यिक संस्था मरुधर साहित्य ट्रस्ट के तत्वाधान में जमशेदपुर के होटल सेंटर पॉइंट में भव्य साहित्य गोष्ठी का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रसिद्ध समाज सेवी अरुण बाकरे वाला, विशिष्ट अतिथि शैली अग्रवाल एवं ट्रस्टी नरेश अग्रवाल एवं महेश अग्रवाल ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
मंच संचालन डा. लता मानकर ने किया।
इस कार्यक्रम में 30 आमंत्रित साहित्यकारों ने भाग लिया, जिन्होंने बारी-बारी से रचना पाठ एवं अपनी रचना प्रक्रिया से लोगों को अवगत कराया।
इस कार्यक्रम में शामिल साहित्यकार थे नीता सागर चौधरी, माधवी उपाध्याय, नवीन अग्रवाल, रीना सिन्हा सलोनी, सविता सिंह मीरा , डॉ. लता मानकर, वसंत जमशेदपुरी, दीपक वर्मा, पूनम शर्मा स्नेहिल, उपासना सिन्हा, शिप्रा सैनी (मौर्या), सुदीप्ता जेठी राउत, सुधा गोयल”नवीन”, अनीता निधि , पुनम सिंह, मनीष सिंह “वंदन”, क्षमाश्री दुबे , डॉ आशा गुप्ता , किरण कुमारी ‘वर्तनी’, डॉ वीणा पाण्डेय ‘भारती’, शोभा किरण, विजय नारायण सिंह “बेरुका”, पद्मा प्रसाद”विन्देश्वरी”, लक्ष्मी सिंह ‘रूबी’, ममता कर्ण मनस्वी, संगीता मिश्रा, अंजू केशव, अरुणा झा, नेहा अग्रवाल , चन्दन अंजू मिश्रा आदि।
कार्यक्रम में जमशेदपुर की साहित्यकार रीना सिन्हा एवं दीपक वर्मा को भी उनकी साहित्यिक उपलब्धियां के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
प्रतिष्ठित लेखक वसंत जमशेदपुरी की पुस्तक मुट्ठी भर वातास का भी लोकार्पण हुआ।
मुख्य अतिथि अरुण बाकरेवाल ने साहित्यकारों की रचनाओं की भूरि- भूरि प्रशंसा की तथा कहा कि जमशेदपुर का क्षेत्र साहित्य में राष्ट्रीय स्तर पर स्थान बना चुका है। यहां के लोग पूरी तरह साहित्य को समर्पित होकर लिख रहे हैं। इनकी रचनाएं देश के बड़े-बड़े अखबारों एवं पत्रिकाओं में प्रकाशित हो रही हैं ।
उन्होंने साहित्यकारों से अनुरोध किया की अपनी रचनाओं को पुस्तक का आकार दें ताकि उनके द्वारा लिखी गई बातें पुस्तक के रूप में वर्षों-वर्षों तक सुरक्षित रहे तथा इन पुस्तकों को पुस्तकालय तक भी पहुंचाना चाहिए। उन्होंने कवियों की कविता पाठ से प्रभावित होकर एक विराट कवि सम्मेलन कराने की भी घोषणा की जिसमें केवल जमशेदपुर के ही कवि रहेंगे।
विशिष्ट अतिथि शैली अग्रवाल ने भी अपने उद्गार प्रकट करते हुए संस्था द्वारा किए जा रहे कार्यों की भूरि भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि रचनाकारों का पाठ बेहद उम्दा रहा तथा इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन निरंतर होते रहना चाहिए, यह साहित्य के हित में होगा, इससे भाषा एवं समाज का विकास होगा, लोगों में सामाजिक चेतना की जागृति होगी। हिंदी भाषा के प्रति प्रेम बढ़ेगा।
अंत में धन्यवाद ज्ञापन महेश अग्रवाल ने किया।
संस्था के द्वारा इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन साहित्यकारों एवं हिंदी को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से किया जाता है। आगे भी इस तरह के साहित्यिक कार्यक्रम करते रहने की संस्था की योजना है।