
जमशेदपुर। पूर्वी सिंहभूम जिला के घाटशिला अनुमंडल क्षेत्र की पेयजल संकट, लंबित वृद्धा एवं विधवा पेंशन, आंगनबाड़ी केंद्रों की कमी और जनकल्याणकारी योजनाओं की सुस्ती को लेकर आज कुणाल षडंगी ने पश्चिमी सिंहभूम जिला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी से मुलाकात की और समस्याओं के त्वरित समाधान की मांग की।


कुणाल षडंगी ने उपायुक्त को बताया कि चाकुलिया प्रखंड के बड़ामारा, मालकुंडी, कुचियाशोली और गुड़ाबांधा प्रखंड के मुराकाटा पंचायत समेत कई गांवों में दर्जनों सोलर पेयजल योजनाएं वर्षों से खराब पड़ी हैं। पंचायत प्रतिनिधियों के पास स्पष्ट दिशा-निर्देश न होने और मरम्मत की राशि के स्रोत पर भ्रम के चलते मरम्मत नहीं हो पा रही है। इससे गांवों में पेयजल का संकट गहरा गया है।
इसके अलावा, मुसाबनी टाउनशिप के हरिजन बस्ती और चाकुलिया के जुगीतोपा पंचायत के माड़दाबांध व मिस्रिकाटा गांवों में आंगनबाड़ी केंद्रों का भवन न होने के कारण दर्जनों बच्चों को शिक्षा और पोषण सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है।
बहरागोड़ा प्रखंड के खेडुआ पंचायत के दारिशोल गांव के सैकड़ों लोग प्रधानमंत्री आवास योजना और उज्ज्वला योजना जैसी केंद्र की महत्वाकांक्षी योजनाओं से अब तक वंचित हैं।
इसके साथ ही, घाटशिला अनुमंडल के सभी प्रखंडों में वृद्धा और विधवा पेंशनधारियों को पिछले तीन-चार महीनों से पेंशन का भुगतान नहीं हुआ है, जिससे बड़ी संख्या में बुजुर्ग और विधवा महिलाएं प्रभावित हो रही हैं।
उपायुक्त का भरोसा: जल्द शुरू होगी कार्रवाई
उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए कहा कि एक से दो दिनों में सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी और पेयजल योजनाओं की मरम्मत युद्धस्तर पर शुरू करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि मई महीने तक का वृद्धा-विधवा पेंशन का बजट जिला को प्राप्त हो चुका है और भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जून महीने की राशि तकनीकी कारणों से विलंबित है, लेकिन वह भी जल्द जारी हो जाएगी।
जिला प्रशासन जल्द ही आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति की समीक्षा करेगा और जहां भवन की आवश्यकता है, वहां स्थायी निर्माण या वैकल्पिक व्यवस्था पर निर्णय लिया जाएगा।
कुणाल षडंगी ने प्रशासन से आग्रह किया कि जनहित से जुड़ी इन समस्याओं पर तेजी से कार्रवाई की जाए ताकि आम जनता को राहत मिल सके।