Jamshedpur News :किसानों के घर वापसी की खुशी में जश्नमय हुआ शहर,भांगड़ा व ढोल-नगाड़ों के साथ निकाली गयी विजय यात्रा

देर से मिले इन इतिहासिक क्षण को हर भारतीय याद रखेगा: भगवान सिंह

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जमशेदपुर।
केंद्र सरकार द्वारा कृषि बिल के तीन कानूनों को वापस लेने के फैसले के बाद एक साल के बाद दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों की घर वापसी पर समस्त जमशेदपुर जश्नमय हो गया। पंजाब के पारंपरिक नृत्य भांगड़ा करते हुए शहर के आंदोलनकारियों ने शनिवार को मोटरसाइकिल, ट्रेक्टर व कार पर सवार होकर विजय यात्रा निकली और जय जवान जय किसान के नारे लगाये।
गुरुद्वारा सिंह सभा मानगो व किसान आंदोलन एकजुटता मंच के संयुक्त तत्वधान में सुबह ठीक साढ़े नौ बजे आम बगान साकची से किसानों की विजय यात्रा आरम्भ हुई जो शहर के विभिन्न स्थानों से गुजरते हुए बालीगुमा के तिलका मांझी मैदान में संपन्न हुयी। आमबगान मैदान स्थिति नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद सभी ने एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर बधाइयां दीं।
किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे संगठनों ने देश हित में कृषि कानूनों को वापस लेने के केंद्र के फैसले को देश हित में बताया और जमकर अबीर गुलाल उड़ाए। विजय यात्रा शहर के विभिन्न चौक- चौराहों से गुजरी जिसमें मजदूर संगठनों ने भी हिस्सा लिया।
विजय यात्रा के मुख्य आयोजक किसान नेता व मानगो गुरुद्वारा के प्रधान भगवान सिंह, झारखण्ड गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के प्रधान सरदार शैलेन्द्र सिंह, साकची गुरुद्वारा के प्रधान हरविंदर सिंह मंटू, जसवंत सिंह जस्सू , किसान आंदोलन एकजुटता मंच के सुमित रॉय, रणजीत दीपक, डॉ कविंदर समेत अन्य आंदोलनकारीयों ढोल नगाड़ों की धुन पर जमकर भांगड़ा किया। महिला नेत्री मंजीत गिल के अलावा गीता सुंडी, चांदना बनर्जी और अन्य महिला सदस्यों ने खूब अबीर गुलाल उड़ाये।
अपने अभिभाषण में भगवान सिंह ने कहा की यह जीत भले ही देर से मिली हो किन्तु इन ऐतिहासिक क्षण को हर भारतीय हमेशा याद रखेगा।
सरदार शैलेन्द्र सिंह ने कहा की देश भले ही अभी खुशियां मना रहा हो लेकिन किसानों की शहीदों को भुलाया नहीं जा सकता है। इसके अलावा हरविंदर सिंह मंटू और डॉ राम कविंदर ने भी संबोधित किया। मंच का सञ्चालन मानगो गुरुद्वारा के महासचिव जसवंत सिंह जस्सू ने किया। विजय यात्रा को सफल बनाने में सुमित रॉय, दीपक रणजीत, मदन, डॉ. राम कवीन्द्र, गौतम दास, फ़तेह चाँद टुडू, काशिफ रजा सिद्दीकी, प्रताप यादव, पवन पांडेय, जसबीर सिंह, त्रिलोक सिंह, सुखदेव सिंह सहित जमशेदपुर के गुरुद्वारों के प्रधानों ने सराहनीय भूमिका निभायी।

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