Jamshedpur News:नहीं रहे अनाथों के मसीहा ‘कांठा सिंह’ , पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने ट्वीट कर दी जानकारी, इलाके में शोक की लहर
Anni Amrita
अन्नी अमृता
घाटशिला/जमशेदपुर
घाटशिला के कांठा सिंह अनाथालय के संस्थापक उपेन्द्र कर्मकार उर्फ कांठा सिंह नहीं रहे. घाटशिला प्रखंड के लेदा गांव में अपने आवास पर उन्होंने अंतिम सांसे लीं.उनके निधन की सूचना पर पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी लेदा पहुंचे और कांठा सिंह के पार्थिव शरीर के दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.उन्होंने ट्विटर पर इसकी जानकारी साझा करते हुए कांठा सिंह के निधन पर दुख जताया.
कौन हैं कांठा सिंह
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1999में कांठा सिंह ने ‘कांठा सिंह अनाथालय’ खोला जिससे इलाके के न सिर्फ अनाथ बल्कि गरीब बच्चों को भी सहारा मिला.भिक्षाटन कर वे बच्चों के रहने और शिक्षा दीक्षा का इंतजाम करते रहे.उनके समर्पण को देखते हुए तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के हाथों 2009में उन्हें सम्मान भी मिला.साथ ही अनाथालय के लिए भवन भी उपलब्ध कराया गया.
2018में झारखंड सरकार के कल्याण विभाग से अनाथालय को पांच लाख की मदद मिली थी, लेकिन 2019में एक ऐसा समय भी आया था जब महिला,बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा के विशेष सचिव डीके सक्सेना के आदेश पर पूर्वी सिंहभूम जिला बाल कल्याण समिति की तत्कालीन अध्यक्ष पुष्पा रानी तिर्की के नेतृत्व में अनाथालय का दौरा कर रजिस्टर जांचा गया और खामियां बताकर अनाथालय को बंद कर दिया गया था.जानकारी के अनुसार कांठा सिंह किसी तरह कठिन परिस्थितियों में अनाथालय चलाते रहे थे.उनके निधन से पूरे इलाके में शोक की लहर है.
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