JAMSHEDPUR NEWS :जमशेदपुरी का सिख युवाओं को सन्देश: खालसा सृजन दिवस पर नशा त्याग दस्तार अपनाने का लें प्रण

कोल्हान के युवा सिख प्रचारक हरविंदर सिंह जमशेदपुरी ने सिख युवा पीढ़ी से आह्वान किया है कि 13 अप्रैल को बैसाखी पर्व के पावन मौके पर नशापान जैसी बुरी आदत को त्याग कर दस्तार सजाने के प्रण लें। बैसाखी को केवल लंगर छकने का मात्र पर्व न समझकर इसकी गूढ़ता का सम्मान करते हुए सिखी के सही मूल्यों को पहचाने।
शुक्रवार को युवाओं के नाम सन्देश देते हुए हरविंदर सिंह जमशेदपुरी के कहा बैसाखी केवल एक फसल कटाई का त्योहार नहीं बल्कि सिख इतिहास में खालसा पंथ की स्थापना का एक महान दिवस है। ऐसे में सिख युवाओं के लिए यह दिन प्रेरणा लेने और अपने उद्देश्य तय करने का उत्तम अवसर है।
जमशेदपुरी ने कहा गुरु नानक देव जी द्वारा चलाये गए खालसा पंथ को दशम पिता गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज ने बैसाखी के दिन 1699 में खालसा पंथ की सृजनता को और ऊंचाइयों तक पहुंचाया। युवाओं को चाहिए कि वे गुरु जी के बताए मार्ग – सच, सेवा, और साहस के पथ पर चलें। युवाओं को शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के लिए कड़ा परिश्रम करना चाहिए।
हरविंदर जमशेदपुरी का कहना है कि बैसाखी सेवा और संगत का पर्व भी है। युवाओं को गुरुद्वारों, स्कूलों, और सामाजिक संस्थानों के माध्यम से सेवा कार्यों में भाग लेना चाहिए और रक्तदान, लंगर सेवा, पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा विकास संबंधी सेवा कार्य करने चाहिए।
जमशेदपुरी ने अपने संदेश में कहा, सिख इतिहास योद्धाओं और साहसी युवाओं का इतिहास रहा है। युवाओं को खेल और व्यायाम के माध्यम से मानसिक और शारीरिक शक्ति बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। युवा पीढ़ी को चाहिए कि वे गुरबाणी, इतिहास और गुरमुखी भाषा को जानें, गर्व करें और अन्य लोगों तक इस विरासत को पहुँचाएं।