नई दिल्ली। भारत ने खेल जगत में एक नया अध्याय लिखते हुए लगातार दूसरे वर्ष (2023 और 2024) विश्व तीरंदाज़ी रैंकिंग में नंबर 2 स्थान बरकरार रखा है। यह उपलब्धि न केवल भारतीय तीरंदाज़ों की मेहनत और प्रतिबद्धता का परिणाम है, बल्कि खेलों में उभरते नए भारत की पहचान भी है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और Archery Association of India के अध्यक्ष अर्जुन मुंडा ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर भारतीय खिलाड़ियों को बधाई देते हुए कहा कि यह हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने कहा कि “यह सफलता केवल खेल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह नए भारत के अनुशासन, आत्मविश्वास और अदम्य जज़्बे का प्रतीक है। हमारे खिलाड़ियों ने विश्व मंच पर भारत का परचम बुलंद किया है।”
अर्जुन मुंडा ने आगे कहा कि भारत ने बीते कुछ वर्षों में तीरंदाज़ी खेल को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है। आधुनिक प्रशिक्षण सुविधाएँ, अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में लगातार भागीदारी और खिलाड़ियों को मिल रही बेहतर कोचिंग ने इस मुकाम को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
Archery Association of India की ओर से भी इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर खुशी व्यक्त की गई। संस्था की ओर से जारी बयान में कहा गया, “लगातार दो वर्षों तक विश्व रैंकिंग में नंबर 2 स्थान पर बने रहना भारतीय तीरंदाज़ों की प्रतिबद्धता और कठिन परिश्रम का परिणाम है। आने वाले समय में हमें विश्वास है कि हमारे खिलाड़ी विश्व में नंबर 1 स्थान भी हासिल करेंगे।”
भारतीय तीरंदाज़ों ने हाल के वर्षों में ओलंपिक, एशियाई खेल और विश्व चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन कर देश का मान बढ़ाया है। दीपिका कुमारी और अतनु दास जैसे अनुभवी खिलाड़ियों से लेकर उभरते हुए युवा तीरंदाज़ों तक, सभी ने अपनी मेहनत और प्रतिभा से भारत की ताकत को सिद्ध किया है।
खेल प्रेमियों और विश्लेषकों का मानना है कि यह सफलता भारत के लिए एक मजबूत नींव है। यदि यही निरंतरता बनी रही, तो आने वाले वर्षों में भारत न केवल तीरंदाज़ी बल्कि अन्य खेलों में भी विश्व का नेतृत्व करता दिखाई देगा।


