जमशेदपुर। सिखों की सर्वोच्च संस्था श्री अकाल तख्त साहिब से पहुंचे पांच प्यारों ने मानगो गुरुद्वारा
मैं दीवान सजाया तथा सिखों को सिंह सजने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि सिक्खों को रहित मर्यादा में रहना है और पहली रहित ही खंडा बाटा की पाहुल लेना
है।अमृत छक कर गुरु वाला बनना है और बिना गुरु के गति मोक्ष नहीं मिलती है। इसमें उन्होंने गुरु
अमरदास जी का प्रसंग रखा जिसमें उन्होंने गुरु अंगद देव जी की एवं संगत की 12 साल तक
लगातार सेवा की।
उन्होंने गुरु अर्जन देव जी की शहादत पर प्रकाश डालते हुए यह भी बताया कि गुरु ग्रंथ साहिब जी
के संपादन से भारत में ऐसी कौम तैयार हुई जो जुल्म की टक्कर लेने लगी। श्री गुरु हरगोबिंद जी ने
अकाल तख्त बनाया और सिखों को शस्त्र धारण करने का आदेश दिया। गुरु गोविंद सिंह जी ने
1699 ईस्वी में खालसा पंथ सजाया। गुरुजी ने अपने चार पुत्रों की बजाय खालसा पंथ को सर्वोपरि
स्थान दिया।
ऐसे में हम सिखों का फर्ज बनता है कि हम अपने गुरु की आज्ञा में रहे। जिसका गुरु नहीं होता उसे
कोई समाज में पूछता नहीं।
वही सभी से आग्रह किया गया कि बुधवार की सुबह 9:30 बजे तक मानगो गुरुद्वारा में केशी स्नान
एवं ककार धारण कर पहुंच जाएं।
इस मौके पर प्रधान भगवान सिंह , प्रधान शैलेंद्र सिंह, महासचिव जसवंत सिंह अकाली दल के रविंद्र
सिंह, पंजाब से आए भाई विक्रमजीतसिंह, भाई जसपाल सिंह भाई कुलवंत सिंह भाई रछपाल सिंह
भाई बिक्रमजीत सिंह आदि ने विचार रखे।
इस मौके पर प्रधान हरमिंदर सिंह मिंदी, प्रधान दलबीर सिंह, प्रधान कुलविंदर सिंह ,प्रधान जगजीत
सिंह गांधी, प्रधान जगदीप सिंह जगे, पूर्व प्रधान जगीर सिंह, पूर्व प्रधान इंदर सिंह इंदर, चेयरमैन
कुलविंदर सिंह पन्नू, प्रधान महेंद्रपाल सिंह भाटिया आदि ने गुरु दरबार में हाजिरी भरी।
Comments are closed.