जमशेदपुर।
घाटशिला विधानसभा उपचुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं, और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने कड़े मुकाबले में एक बार फिर यह सीट अपने नाम कर ली है। एक बार फिर घाटशिला की जनता ने जेएमएम (JMM) पर भरोसा जताया है । लेकिन पूरे उपचुनाव में जिस नाम ने बार-बार सुर्खियाँ बटोरीं, वह JMM के केंद्रीय प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी का रहा, जो प्रचार की हर परत में सबसे चर्चित चेहरा बने रहे।
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क्यों आए कुणाल षाड़ंगी चर्चा में
चुनावी मौसम में तब राजनीतिक हलचल बढ़ गई जब JMM केन्द्रीय प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के वरिष्ट नेता चंपई सोरेन पर सीधा हमला बोला। उन्होंने JMM प्रत्याशी सोमेश चन्द्र सोरेन की चुनावी सभा में पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने चम्पाई सोरेन की राजनीतिक विश्वसनीयता और निष्ठा पर सवाल उठाते हुए कहा कि 45 साल की राजनीति के सहारे सत्ता का काफिला चलाने वाले चम्पाई सोरेन अपने राजनीतिक गुरु और करीबी सहयोगी दिशोम गुरु शिबू सोरेन के लिए 45 मिनट भी नहीं निकाल सके।
कुणाल का यह बयान देखते ही देखते सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक चर्चा का सबसे बड़ा विषय बन गया। चंपई सोरेन ने भी बिना नाम लिए जवाबी हमला बोला, जिसने चुनावी माहौल को और गर्म कर दिया।
https://twitter.com/KunalSarangi/status/1989309925604860322
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प्रचार के अंतिम दौर में और बढ़ा तनाव
प्रचार के अंतिम चरण में राजनीतिक वातावरण उस समय और उग्र हो गया जब भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर तीखा हमला बोला।
उन्होंने ‘अबुआ सरकार’ पर वादाखिलाफी और कमजोर कामकाज का आरोप लगाया। इसी दौरान कुणाल पर कटाक्ष करते हुए कहाूब—
“केंद्रीय प्रवक्ता से पूछा जाए कि उनका कहा कितना खातियानी है।”
इस टिप्पणी ने चुनावी बहस को नई दिशा दी और कुणाल षाड़ंगी फिर सुर्खियों के केंद्र बन गए।
घाटशिला विधानसभा की देवतुल्य जनता-जनार्दन द्वारा दिये गए मत रूपी आशीर्वाद के बदले आज जीत का प्रमाण पत्र भाई @someshchsoren ने प्राप्त किया। यह प्रमाण पत्र घाटशिला की जनता के विश्वास, समर्थन और आशीर्वाद की जीत का प्रतीक है।
झामुमो सहित गठबंधन दल के सभी समर्पित कार्यकर्ताओं एवं… pic.twitter.com/0pr8Usvlcp
— Sanjib Sardar- MLA, Potka (@SanjibSardar46) November 14, 2025
कुणाल की सक्रियता ने बदली चुनावी हवा
झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी पूरे उपचुनाव के दौरान सबसे सक्रिय नेता बनकर उभरे। उन्होंने गांव-गांव जाकर जनता से संवाद किया, स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता दी और JMM के दृष्टिकोण को मजबूती से रखा। उनकी आक्रामक रणनीति, ऊर्जावान भाषण और निरंतर मौजूदगी ने भाजपा के अभियान में नई धार पैदा की।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पूरा उपचुनाव JMM की ओर से कुणाल के नेतृत्व में चला, और वे इस मुकाबले का सबसे बड़ा चेहरा रहे।
जीत के बाद कुणाल का भावुक पोस्ट
झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने घाटशिला विधानसभा उपचुनाव के नतीजों के बाद दिवंगत नेता रामदास सोरेन को याद करते हुए एक भावुक पोस्ट भी किया। उन्होंने लिखा—
“आज आपकी याद बहुत आ रही है सर… आपके घाटशिला ने झोली भर आशीर्वाद दिया है। हम सब पर अपना स्नेह बनाए रखिएगा ताकि जीत में विनम्रता और हार में हौसला बना रहे। आपसे ही सीखा है—जब तक तोड़ेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे नहीं… जोहार सर। जय जय झारखंड।”
यह पोस्ट समर्थकों के बीच काफी चर्चित रहा।
https://twitter.com/KunalSarangi/status/1989346587240431937

