जमशेदपुर:
शहीद निर्मल महतो की शहादत दिवस के अवसर पर कदमा उलीयान स्थित समाधि स्थल पर पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता ने श्रद्धासुमन अर्पित कर वीर सपूत को नमन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि शहीद निर्मल महतो ने दलित, शोषित और वंचित समाज के लिए आवाज बुलंद की और जनहित के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनका जीवन हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है।
पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता ने भावुक होकर कहा, “मैं स्वयं को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मेरी जन्मस्थली और हमारे शहीद निर्मल महतो की कर्मभूमि—कदमा उलीयान—एक ही है। उनके आंदोलन को मैंने बचपन से देखा और महसूस किया है।”
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दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर शोक व्यक्त:
पूर्व मंत्री ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन से झारखंड ने एक महान नेता को खो दिया है। उन्होंने कहा, “शिबू सोरेन न केवल झारखंड आंदोलन के पुरोधा थे, बल्कि जल, जंगल और जमीन के रक्षक भी थे। वे झारखंड की आत्मा और संस्कृति के प्रतीक हैं।”
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भारत रत्न और एनसीईआरटी में स्थान की मांग:
बन्ना गुप्ता ने कहा कि भारत सरकार को शिबू सोरेन को “भारत रत्न” से सम्मानित करना चाहिए, और उनके जीवन के मूल्यों को एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियां झारखंड के इतिहास और संघर्ष को समझ सकें।
ग्लोबलाइजेशन और पर्यावरण संरक्षण पर चिंता:
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर बढ़ते ग्लोबलाइजेशन के कारण कई देश पर्यावरणीय संकट से गुजर रहे हैं। कुछ देशों में जलस्तर समाप्ति की ओर है। इस संकट का समाधान सिर्फ जल, जंगल और जमीन की रक्षा से ही संभव है। उन्होंने कहा कि झारखंड की संस्कृति, कला और परंपरा ही इस पृथ्वी को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
कार्यक्रम के अंत में उन्होंने दिशोम गुरु शिबू सोरेन और शहीद निर्मल महतो को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हम सबको उनके दिखाए रास्ते पर चलकर झारखंड की रक्षा और विकास में योगदान देना चाहिए।


