अन्नी अमृता

जमशेदपुर।
संताली लिपि ओलचिकि को मान्यता देने व प्रदेश के स्कूलों में प्राथमिक कक्षाओं में ओलचिकि में पढाई कराने और पूरी पाठ्य सामग्री ओलचिकि लिपि में ही प्रकाशित कराने की मांग को लेकर झारखंड प्रदेश हूल बैसी संगठन की बंदी को लेकर जमशेदपुर प्रशासन की तैयारियों की पोल खुल गई.बंद समर्थक हाईवे पर तो गाडियों को रोक ही दिए मानगो पुल को भी जाम कर दिए.इससे स्कूल गए बच्चे पुल के इस पार और उनके अभिभावक पुल के उस पार फंस ग ए.तस्वीरें बता रही हैं कि जमशेदपुर प्रशासन इसके लिए तैयार नहीं था.क्या एहतियातन प्रशासन स्कूलों को बंद नहीं कर सकता था जब पहले से बंदी का ऐलान था.मानगो पुल पर से बंद समर्थकों को हटाने में मशक्कत हुई और वहां भीषण जाम लग गया.स्कूली बच्चे, मरीज सब बेहाल रहे? मानगो पुल के पार रहनेवाले अभिभावकों ने नाराज होकर कहा कि क्या प्रशासन सिर्फ मानगो पुल के इस साइड के लोगों के लिए है? क्या प्रशासन को नहीं सोचना था कि पुल पार रहनेवाले कैसे अपने बच्चों को लेने आ पाएंगे या स्कूली वैन कैसे पहुंचेंगे? टाटा कमांड एरिया और आस पास रहनेवाले जिनको मानगो पुल पार नहीं करना होता क्या सिर्फ उनके बारे में सोचकर प्रशासन सो गया?
उधर सोनारी दोमुहानी डोबो पुल को भी बंद समर्थकों ने बंद कर दिया था.हालांकि वहां स्थानीय थाना मुस्तैद रहा और बंद समर्थकों से अपील की गई कि वे स्कूली बच्चों की गाडियों को न रोकें.हाईवे पर और मानगो पुल के पार रहनेवाले लोग आज घंटों परेशान रहे.एंबुलेंसें फंसी रही, मरीज और बच्चे बेहाल रहे.दूसरी तरफ मानगो पुल के इधर के स्कूलों के अधिकांश बच्चों और अभिभावकों को कुछ भी पता नहीं चला कि बंदी भी थी.
इसे भी पढ़ें :-Jharkhand Band :जनशताब्दी खड़गपुर से वापस , खड़गपुर लोकल रद्द , गोरखपुर -शालीमार का मार्ग बदला, जानें और इन ट्रेनों पर भी असर
झारखंड प्रदेश हूल बैसी ने किया है बंदी का आह्वान
प्राथमिक कक्षाओं में संताली लिपि ओलचिकि लिपि में पढाई की व्यवस्था और पूरी पाठ्य सामग्री ओल चिकी लिपि में ही प्रकाशित करने की मांग को लेकर झारखंड प्रदेश हूल बैसी नामक संगठन ने 4जून को बंद की घोषणा की थी जिसके पक्ष में भाजपा के अनुसूचित मोर्चा से जुडे नेताओं ने समर्थन में बयान दिया था.
इसे भी पढ़ें :-Jharkhand Band : रेल ट्रैक पर बैठे बंद समर्थक, टाटा-खड़गपुर ट्रैक जाम
मांगें हूल बैस की
1—स्कूलों में संंताली भाषा की लिपि ओलचिकी में पढाई हो
2—ओलचिकी शिक्षकों की बहाली हो
3–पाठ्य सामग्रियां ओलचिकी में छापी जाए
4–संताली एकेडमी का गठन हो
6–संताली भाषा को झारखंड में प्रथम राजभाषा का दर्जा दिया जाए