Jamshedpur News:किन्नर समाज को झारखंड में ओबीसी का दर्जा और पेंशन का हक मिलने से किन्नर समाज में हर्ष की लहर
सीएम हेमंत सोरेन का जताया आभार, अमरजीत की अपील--टीजी कार्ड के माध्यम से मिले पेंशन लाभ
ANNI AMRITA
अन्नी अमृता
जमशेदपुर.
झारखंड में अब ट्रांसजेंडर समुदाय को ओबीसी का दर्जा मिलेगा. इससे वे शिक्षा और नौकरी के क्षेत्र में आरक्षण का लाभ लेकर अपनी भागेदारी सुनिश्चित कर पाएंगे.इतना ही नहीं अब ट्रांसजेंडरों को झारखंड में मुख्यमंत्री राज्य सामाजिक पेंशन योजना का भी लाभ मिलेगा. जमशेदपुर और राज्य के किन्नर समुदाय ने इसका स्वागत किया है.
किन्नर समुदाय ने मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन को यह कहकर धन्यवाद दिया-हमें इंसान समझने के लिए शुक्रिया.
—2014में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर समुदाय को दे दिया था तृतीय लिंग का दर्जा
—सरकारों को ट्रांसजेंडर समुदाय के वेलफेयर के लिए कार्य करने के दिए थे निर्देश
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वैसे तो 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर समुदाय को तृतीय लिंग के रूप में मान्यता दे दी थी लेकिन शिक्षा और नौकरी से संबंधित क्षेत्रों में ट्रांसजेंडर समुदाय की सहभागिता को लेकर समाज और सरकारों को बहुत काम करना बाकी है.सुप्रीम कोर्ट ने तब ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड बनाने के लिए राज्य सरकारों को निर्देश भी दिए थे.उसके बाद उडीसा और कई राज्यों ने ट्रांसजेंडर समुदाय के कल्याण के लिए कई योजनाएं लाईं.झारखंड की औद्योगिक राजधानी जमशेदपुर में स्थित टाटा स्टील ने तो बडे पैमाने पर ट्रांसजेंडर समुदाय से जुड़े लोगों को नौकरिया दी है. झारखंड सरकार के स्तर पर अब ट्रांसजेंडर समुदाय को ओबीसी का दर्जा मिलने से शिक्षा और नौकरी के क्षेत्र में उनकी सहभागिता सुनिश्चित होगी जो एक बहुत बडे बदलाव का उदाहरण बनेगा.
सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए उत्थान संस्था की सचिव और ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए मुखर अमरजीत ने कहा—“झारखंड के तृतीय समुदाय सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं. पहली बार सरकार ने झारखंड में हमें लेकर सोच बदली.
आज तक किसी सरकार ने हमारे बारे में सोचा तक नहीं, लेकिन जेएमएम सरकार ने इतना बड़ा फैसला लेकर हमें एक सम्मान दिया है. हम झारखंड के तृतीय लिंग समुदाय बहुत-बहुत आभार व्यक्त करते हैं झारखंड सरकार का जिन्होंने हमें पहली बार इंसान समझा.सरकार से यही दरखास्त है कि सरकार पेंशन योजना का लाभ टी.जी कार्ड के माध्यम से सभी तृतीय लिंग समुदाय को दे ताकि सही तरीके जमीनी धरातल पर अनुपालन हो.
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