
जमशेदपुर: बिष्टुपुर की पाक सरज़मीन पर वाक़े हज़रत बादशाह अब्दुर्रहीम उर्फ़ चुनाशाह बाबा की दरगाह पर 56वें सालाना उर्स शरीफ के चौथे दिन रूहानियत का आलमी मंज़र देखने को मिला। दूर-दराज़ से पहुंचे हज़ारों अकीदतमंदों ने बाबा की बारगाह में चादर पेश कर झुके सरों और नम आंखों से दुआएं मांगी। हर अकीदतमंद की ज़ुबां पर एक ही सदा थी—’बाबा तू बड़ा करम वाला है।’
दिनभर दरगाह शरीफ में अकीदत और मुहब्बत का सैलाब उमड़ा रहा। इस मुबारक मौके पर दोपहर 2 बजे गद्दीनशीन ताज अहमद की सरपरस्ती में लंगर-ए-आम का आग़ाज़ हुआ। नेमतों से लबरेज़ इस लंगर में जायरीन अदब और एहतराम के साथ कतारों में खड़े होकर देर रात तक शामिल होते रहे।

इस मौके पर दरगाह कमेटी के अध्यक्ष हाजी अब्दुल लतीफ़, उपाध्यक्ष मोहम्मद नेयाज खान, महासचिव हाजी एस.एम. कुतबुद्दीन, संयुक्त सचिव डॉ. जिया अहमद, कोषाध्यक्ष अब्दुल वहाब अंसारी समेत मो. हनीफ, अजीबुल अंसारी, फारूक अहसान, साजिद, रामावतार और अन्य बुज़ुर्ग व जिम्मेदारान मौजूद रहे।
21 अप्रैल को सूफियाना कव्वाली से रोशन होगी रूहानी शाम
उर्स-ए-पाक के सिलसिले में 21 अप्रैल की रात 9 बजे से सूफियाना कलाम की महफिल सजाई जाएगी। इस महफिल में गुजरात से तशरीफ ला रही साहिल अली साबरी कव्वाल पार्टी और बिहार के नवादा से जानी वारसी कव्वाल पार्टी हाज़िरी देंगे। इनकी रूहपरवर आवाज़ों से दरगाह शरीफ की फिजा और भी नूरानी हो उठेगी।