जमशेदपुर। साकची गुरुद्वारा में वरिष्ठ मीत प्रधान जोगिंदर सिंह ‘जोगी’ ने पहली बार मुखर होकर मौजूदा कार्यवाहक प्रधान निशान सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जोगी ने कहा कि निशान सिंह किस हैसियत से खुद को प्रधान घोषित कर बैठे हैं, जबकि उन्हें केवल चुनिंदा चार लोगों ने ही चयनित किया था।
जोगी ने बताया कि सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (CGPC) द्वारा कराए गए चुनाव में हरविंदर सिंह ‘मंटू’ ने 823 वोटों से भारी बहुमत हासिल कर साकची गुरुद्वारा का प्रधान चुने जाने का अधिकार पाया था। बावजूद इसके, निशान सिंह दबाव और अनुचित तरीकों से गुरुद्वारे के कार्यालय पर कब्जा जमाए हुए हैं।
जोगी ने आरोप लगाया कि गुरुद्वारे की आर्थिक व्यवस्थाओं में भी अनियमितताएँ देखने को मिली हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में संपन्न 350वीं शहादत स्मृति नगर कीर्तन जागृति यात्रा के दौरान निशान सिंह ने गुरुद्वारे के पैसे का दुरुपयोग करते हुए टेंट और अन्य व्यवस्थाओं में निजी लाभ उठाया।
जोगी ने निशान सिंह को याद दिलाया कि उन्होंने स्वयं उच्च न्यायालय में मामला दायर किया है, जो अब भी लंबित है। ऐसे में किसी को अपने आप को प्रधान बताने का कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने स्पष्ट किया—
“निशान सिंह सिर्फ़ ‘सेलेक्टेड’ प्रधान हैं, जबकि हरविंदर सिंह मंटू सच्चे ‘इलेक्टेड’ प्रधान हैं, जिन्हें पूरी संगत ने चुना है। संगत और CGPC की टीम न्यायपालिका के फैसले का इंतजार कर रही है। हमें विश्वास है कि सच सामने आएगा और दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा।”
जोगी का यह बयान गुरुद्वारे के भीतर चल रहे विवाद को और अधिक सार्वजनिक कर रहा है। उनके अनुसार, संगत के विश्वास और पारदर्शिता को बनाए रखना अब अत्यंत आवश्यक है।
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इस विवाद ने गुरुद्वारे में कार्यवाहक प्रधान और निर्वाचित प्रधान के बीच टकराव को उजागर किया है और आने वाले दिनों में न्यायालय के फैसले पर पूरी निगाहें होंगी। संगत और स्थानीय समुदाय इस मामले में निष्पक्ष समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।

