जमशेदपुर। समाज सेवा और मानवता की मिसाल पेश करते हुए जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के बिष्टुपुर कैंपस में “रक्तदान अमृत महोत्सव 2.0” का सफल आयोजन किया गया। यह शिविर विश्वविद्यालय के एनएसएस विंग और एबीटीवाईपी (ABTYP) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम की सफलता में विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अंजिला गुप्ता की प्रेरणा और मार्गदर्शन का अहम योगदान रहा। उनके दिशा-निर्देश और सक्रिय प्रयासों से इस सामाजिक पहल को विश्वविद्यालय परिवार ने आगे बढ़ाया। शिविर में लगभग 20 यूनिट रक्त एकत्रित हुआ, जिसे जरूरतमंद मरीजों की सेवा में लगाया जाएगा।
रक्तदान शिविर में विश्वविद्यालय की छात्राओं, विभिन्न विभागों के अध्यक्षों, शिक्षक-शिक्षिकाओं, शिक्षकेत्तर कर्मचारियों तथा अभिभावकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम स्थल पर शुरू से ही उत्साहपूर्ण माहौल देखने को मिला। छात्राओं में रक्तदान को लेकर जागरूकता और उत्सुकता साफ झलक रही थी।
शिविर के सफल संचालन में एनएसएस कोऑर्डिनेटर डॉ. ग्लोरिया पूर्ति, एनएसएस ऑफिसर डॉ. डी. पुष्पलता, डॉ. सुनीता कुमारी, डॉ. छगनलाल अग्रवाल और एनएसएस स्वयंसेविकाओं का विशेष योगदान रहा। इन्होंने पूरे आयोजन को व्यवस्थित और प्रभावी बनाने में अहम भूमिका निभाई।
इस अवसर पर कुलपति डॉ. अंजिला गुप्ता ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि रक्तदान सबसे बड़ा दान है, क्योंकि इससे किसी की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने छात्राओं को इस नेक कार्य में लगातार सक्रिय रहने की प्रेरणा दी। साथ ही उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि समाज सेवा और मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने का भी स्थान है।
शिविर में रक्तदाताओं को प्रमाणपत्र भी प्रदान किए गए। कार्यक्रम में एनएसएस के छात्रों द्वारा रक्तदान के महत्व पर पोस्टर और स्लोगन भी प्रदर्शित किए गए, जिससे उपस्थित लोगों को प्रेरणा मिली।
रक्तदान अमृत महोत्सव 2.0 के सफल आयोजन ने यह साबित किया कि नई पीढ़ी समाज सेवा में सक्रिय रूप से आगे बढ़ रही है। छात्राओं और विश्वविद्यालय परिवार की भागीदारी ने इसे विशेष और प्रेरणादायक बना दिया।


