
जमशेदपुर। टाटा एसेट मैनेजमेंट के सीनियर फंड मैनेजर चंद्रप्रकाश पडियार का कहना हैं कि भारतीय इक्विटी बाजार हाल के महीनों में अस्थिरता का सामना कर रहा है। कमजोर कॉर्पाेरेट आय, ऊंचे मूल्यांकन, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और भू-राजनीतिक मुद्दों के कारण निफ्टी 50 अपने सितंबर 2024 के उच्चतम स्तर से 13 प्रतिशत तक गिर गया। हालांकि हाल ही में कुछ रिकवरी देखने को मिली, फिर भी साल-दर-साल आधार पर निफ्टी 50 में 3 प्रतिशत और निफ्टी लार्ज मिडकैप 250 इंडेक्स में 8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। चंद्रप्रकाश पडियार के अनुसार मौजूदा सुधार के बाद, लार्ज-कैप स्टॉक्स का मूल्यांकन आकर्षक हो गया है, लेकिन मिड- और स्मॉल-कैप स्टॉक्स अब भी दबाव में हैं। स्मॉल- और मिड-कैप इंडेक्स अपने शिखर से 20ः से अधिक गिर चुके हैं, हालांकि वे अभी भी उचित मूल्यांकन स्तर तक नहीं पहुंचे हैं। फिर भी, इस सेगमेंट में कुछ उद्योग दीर्घकालिक निवेश के लिहाज से अच्छे अवसर प्रदान कर सकते हैं। बड़े और मिड-कैप म्यूचुअल फंड इन परिस्थितियों में निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं। टाटा एसेट मैनेजमेंट के सीनियर फंड मैनेजर चंद्रप्रकाश पडियार के अनुसार, यह फंड लार्ज-कैप कंपनियों की स्थिरता और मिड-कैप फर्मों की ग्रोथ क्षमता का लाभ उठाने का संतुलित अवसर प्रदान करता है। यह निवेशकों को स्थिर रिटर्न और दीर्घकालिक पूंजी वृद्धि में मदद कर सकता है।