Jamshedpur News: बेबाक @अन्नी अमृता- खबर का असर– वृद्धों का शहर और जमशेदपुर पुलिस, शीर्षक वही लेकिन खबर में अपडेट है, वृद्धों को मिली बड़ी राहत
बेबाक @अन्नी अमृता–खबर का असर–वृद्धों का शहर और जमशेदपुर पुलिस, शीर्षक वही लेकिन खबर में अपडेट है, वृद्धों को मिली बड़ी राहत
जमशेदपुर
इस साल की मई महीने में जब व्यंग्यात्मक तरीके से ये आलेख ‘वृद्धों का शहर और जमशेदपुर पुलिस’ लिखा था तब कुछ लोगों ने कहा कि ये सब लिखने का कोई फायदा नहीं, पुलिस को फर्क नहीं पडता, उल्टे संबंध खराब होते हैं.पर ऐसा नहीं है यह जमशेदपुर पुलिस ने साबित कर दिया.कमजोर और बीमार वृद्धों के साथ की व्यवहारिक कठिनाइयों को देखते हुए एस एस पी प्रभात कुमार ने पहल करते हुए सभी ट्रैफिक प्रभारियों को बुजुर्गों को राहत देने के निर्देश दिए हैं.अब बीमार और कमजोर बुजुर्गों को हेलमेट नहीं पहनने पर जुर्माना को लेकर राहत दी जाएगी.इससे खासकर बुजुर्ग महिलाओं को राहत मिलेगी जो झुकी हुई कमर के साथ जब हेलमेट पहन कर बैठती हैं तो यह और खतरनाक हो जाता है और उनके गिरने की संभावना और बढ जाती है.साथ ही हेलमेट से बुजुर्गों के गर्दन में तकलीफ बढ जाती है.
इसे भी पढ़े: –बेबाक सोमवार@अन्नी अमृता: वृद्धों का शहर और जमशेदपुर पुलिस
बिहार झारखंड न्यूज नेटवर्क में 8मई के व्यंग्यात्मक आलेख में ‘अंकल ए’ के जरिए जमशेदपुर के बुजुर्गों की परेशानियों को दर्शाया गया था कि कैसे यहां के ज्यादातर बुजुर्ग अकेले रहते हैं.उनके बच्चे विदेश या फिर जमशेदपुर से बाहर रहते हैं. हर बुजुर्ग कार और ड्राइवर रखने में सक्षम नहीं है.ऐसे में अपने घर के काम, बैंक के काम वगैरह को लेकर वे बाइक/स्कूटी से आना जाना करते हैं तब ट्रैफिक चेकिंग में वे अक्सर परेशान हो जाते हैं.एक उम्र के बाद लाइसेंस रिन्यूअल भी नहीं होता.इस मुद्दे पर एस एस पी प्रभात कुमार से खुल कर बातचीत भी होती रहती थी.और भी लोगों ने जरुर इस मुद्दे पर सलाहें दी होंगी.
खुशी की बात है कि यह आलेख व्यर्थ नहीं गया और आलोचना को सकारात्मक तौर पर लेते हुए एस एस पी प्रभात कुमार ने मानवता के आधार पर यह व्यवहारिक कदम उठाया.हालांकि जमशेदपुर के बुजुर्ग सुरक्षा को लेकर हेलमेट पहनते हैं और जरुरी कागजात भी लेकर चलते हैं पर उम्र के इस मोड पर ट्रैफिक पुलिस के रोकने पर उनकी मानसिक स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे कितना घबराते होंगे.किसी कारण हेलमेट न पहने हों या हेलमेट पहना भी हो और कुछ और कागजात छूट गए हों तो आखिर बूढी हड्डियों के साथ वे कितनी भागदौड करेंगे?इसलिए मानवता के आधार पर पुलिस उनके हालातों को समझेगी और उसी हिसाब से कार्रवाई में छूट रहेगी.
पिछले साल ही ही एस एस पी प्रभात कुमार ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए थाना प्रभारियों को निर्देश दिए थे कि वे अपने इलाके के बीमार बुजुर्गों को दवा पहुंचाएंगे.अब ताजा निर्देशों से उन्होंने एक कदम और आगे बढा लिया है.
Comments are closed.