पटना,।
बिहार की राजनीति में मंगलवार को एक अहम क्षण देखने को मिला, जब राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने पटना स्थित मुख्यमंत्री आवास पर शिष्टाचार भेंट की। इस मुलाकात को राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। चर्चा के दौरान विकास कार्यों, आपसी सहयोग और क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर कई अहम विषय उठाए गए। हालांकि औपचारिक रूप से मुलाकात को ‘शिष्टाचार भेंट’ बताया गया है, लेकिन राजनीतिक हलकों में इसे गंभीर बातचीत के रूप में देखा जा रहा है।
बिहार और झारखंड दोनों पड़ोसी राज्य हैं, जिनके बीच सामाजिक और सांस्कृतिक रिश्ते गहरे हैं। ऐसे में जब दोनों राज्यों के शीर्ष नेता एक साथ बैठते हैं, तो स्वाभाविक रूप से यह चर्चा होती है कि बातचीत का एजेंडा क्या रहा होगा। सूत्रों का कहना है कि बैठक में सीमावर्ती इलाकों में विकास, बुनियादी ढांचा, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने पर भी चर्चा हुई।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा का राजनीतिक अनुभव लंबा और व्यापक रहा है। वहीं नीतीश कुमार अपनी सधे हुए नेतृत्व शैली और विकासोन्मुखी राजनीति के लिए जाने जाते हैं। दोनों नेताओं के बीच हुई इस बातचीत को आगामी राजनीतिक समीकरणों और विकास योजनाओं के लिहाज से भी अहम माना जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस मुलाकात से आने वाले दिनों में बिहार और झारखंड के बीच नए सहयोग के रास्ते खुल सकते हैं। दोनों राज्यों के बीच न केवल राजनीतिक बल्कि औद्योगिक और सामाजिक संबंध भी गहरे हैं। ऐसे में यह बैठक आपसी समन्वय को और मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखी जा रही है।
मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस भेंट के बाद भले ही दोनों नेताओं ने मीडिया से कोई औपचारिक बयान नहीं दिया, लेकिन इस मुलाकात ने राजनीतिक हलकों में चर्चाओं को और तेज कर दिया है। आने वाले समय में इस बैठक का असर क्षेत्रीय राजनीति और विकास के मुद्दों पर देखने को मिल सकता है।

