Jamshedpur News:घर के मुखिया सहित परिवार के सारे सदस्य करते रक्तदान,जानिए वैसे परिवार को

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जमशेदपुर.

लौह नगरी जमशेदपुर को स्टील सिटी,ग्रीन सिटी,क्लीन सिटी सहित अन्य नामों से जाना जाता है. यह शहर और भी कई खासियतों को लेकर चर्चा में रहता है. उनमें से एक खासियते है शहर में बड़ी संख्या में रक्तदान शिविरों का आयोजन. पूरे भारत में यही एक शहर है जहां कहीं न कहीं प्रतिदिन रक्तदान शिविर का आयोजन होता रहता है. ये आयोजन विभिन्न संगठन करते हैं.उसके अलावे अपनों की याद में या जन्म दिन/सालगिरह जैसे खास दिनों में भी लोग रक्तदान शिविर का आयोजन करते हैं. कई लोग ऐसे हैं जो अपने परिवार के सदस्यों के साथ रक्तदान करते हैं और उनके परिवार के सदस्य लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक करते हैं.

*सोनारी के सुनील आनन्द*

 

उन परिवारो में सोनारी के रहने वाले सुनील आनन्द भी हैं. वे अपनी पत्नी और दोनों संतानों के साथ रक्तदान करते हैं. सुनील आनन्द अभी तक 32 बार रक्तदान कर चुके हैं.इसमें 25 बार सिंगल डोनर प्लेटलेट्स का दान शामिल है. उनकी पत्नी रूपा देवी 20 बार रक्तदान कर चुकी हैं. वहीं 24 वर्षीय उनके पुत्र जयेश कुमार दस बार रक्तदान कर चुके हैं. इसके अलावे जयेश आठ बार सिंगल डोनर प्लेटलेट्स दे चुके हैं. उनकी 20 वर्षीय बेटी भी अब तक पांच बर रक्तदान कर चुकी है.

*महीने मे दो बार लगाते रक्तदान शिविर*

सुनील आनन्द महीने में दो बार रक्तदान शिविर का आयोजन करते हैं. एक शिविर वे जमशेदपुर के ब्लड बैंक और दूसरा वे जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल के ब्लड बैंक में आयोजितन करते हैं. इसके अलावे जमशेदपुर ब्लड बैंक में या एमजीएम ब्लड बैंक में किसी विशेष ब्लड ग्रुप की किल्लत होती है, तो संस्था की ओर से विशेषकर उस ग्रुप का रक्तदान शिविर का आयोजन भी बीच-बीच में किया जाता है. सुनील यह कार्य आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल के बैनर तले करते हैं. इस दौरान रक्तदान करने वाले लोगो को वे पौधा देकर सम्मानित करते हैं. पर्यावरण के प्रति वे लोगों को जागरूक भी करते हैं.

*रामजनमनगर के अमित कुमार सिंह*

कदमा के रामजनमनगर के रहने वाले अमित सिंह अपने भाईयों के साथ मिलकर रक्तदान करते हैं. अमित सिंह अब तक 24 बार रक्तदान कर चुके हैं. वह साल में चार बार रक्तदान करते हैं. उनके भाई अभय सिंह और सुमित सिंह भी रक्तदान करते हैं. विशेष परिस्थिति में भी रक्तदान करने को वे तैयार रहते हैं. वे कहते हैं कि ऐसा करने से उन्हें काफी अच्छा लगता है.

*आदित्यपुर के पिता-पुत्र भी बढ़ चढ़कर करते हैं रक्तदान*

रक्तदान करने मे॔ आदित्यपुर के रहने वाले पिता-पुत्र संजय कुमार और सौरव भी एक उदाहरण बनकर उभरे हैं. संजय अपने पुत्र सौरव के लाथ 26 जनवरी और 15 अगस्त को रक्तदान करते हैं. सौरव अब तक 35 बार रक्तदान कर चुके हैं जिनमें 10 बार एसडीपी डोनेट हुआ है. वे अपने पिता के साथ पंद्रह बार रक्तदान कर चुके हैं. संजय कुमार ने बताया कि रक्तदान करने से उन्हें काफी खुशी मिलती है. वे कहते हैं कि उनके रक्त से किसी की जान बचती है, तो इससे बड़ी खुशी क्या हो सकती है. 26 जनवरी को बेटे का जन्मदिन है जबकि जबकि 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस है, ऐसे में वे लोग इन खास दिनों को रक्तदान जैसे महादान करके बिताते हैं.

*कदमा के पति-पत्नी करते हैं रक्तदान*

कदमा की रहने वाली भारद्वाज बी और उनके पति वी राजेश भी रक्तदान करते हैं. भारद्वाज बी ने बताया कि वे अब तक 30 बार रक्तदान कर चुकी हैं जिनमें 6 बार एसडीपी भी शामिल है. इसके अलावे उन्होने जमशेदपुर ब्लड बैंक में अपना नबंर दिया है ताकि विशेष परिस्थिति मे॔ जाकर रक्तदान कर सकें. समय समय पर वे ब्लड बैंक जाती भी रहती हैं.

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