जमशेदपुर। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ, पूर्वी सिंहभूम जिला कमेटी के तत्वाधान में राज्य कमेटी के आह्वान पर सोमवार को जिला उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूम के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन प्रेषित किया गया। ज्ञापन सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 सितंबर 2025 को शिक्षकों के लिए टेट (TET) की अनिवार्यता संबंधी आदेश पर विधायिका और कार्यपालिका से हस्तक्षेप की मांग को लेकर सौंपा गया।
इस अवसर पर वरीय शिक्षक प्रतिनिधि सुनील कुमार ने कहा कि 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों के शैक्षणिक अनुभव को नजरअंदाज कर टेट की अनिवार्यता लागू करना संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के तहत प्राप्त मौलिक अधिकारों एवं प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिकार अधिनियम की धारा 23 के तहत एनसीटीई को शिक्षकों की योग्यता निर्धारित करने का अधिकार है और नियमावली की कंडिका 4 के अनुसार टेट की अनिवार्यता केवल उसके अस्तित्व में आने के बाद नियुक्त शिक्षकों पर लागू होती है। बावजूद इसके सुप्रीम कोर्ट के आदेश में पूर्व नियुक्त शिक्षकों को भी सम्मिलित किया गया है, जो अनुचित है।
शिक्षक संघ ने मांग की कि इस आदेश पर पुनर्विचार किया जाए और विधायिका/कार्यपालिका के माध्यम से हस्तक्षेप कर समस्या का समाधान किया जाए।
इस अवसर पर शिक्षक नेता सरोज कुमार लेंका, माधिया सोरेन, सुनील कुमार यादव, संजय कुमार, अनिल प्रसाद, अजम्बर सिंह सरदार, भूरका वयार बेसरा, राजेश मिश्रा, मधुसूदन, रंजित घोष, देवराज शीट, गोपीनाथ हांसदा, अर्चना बूटा, संजय केसरी, सुशांति तिग्गा, प्रहलाद घोष, अरुण झा, नवदीप करण, आशुतोष कुमार, अरुण कुमार ठाकुर, अनिल राय, मनोज सिंह, ओमप्रकाश सिंह, मुजफ्फर जमाली, अजय कुमार मल्होत्रा, मंगल माझी हांसदा, सनत कुमार भौमिक, मतीन अंसारी, मोहम्मद आफताब समेत सैकड़ों शिक्षक उपस्थित थे।

