JAMSHEDPUR NEWS :लख खुशियाँ पातसाहियाँ, जे सतगुर नदर करे…

“बाबा बुड्ढा जी निवास" ग्रंथी सिंहों को समर्पित, मुख्य ग्रंथी अमृतपाल सिंह ने कहा ग्रंथी सिंहों के लिए बड़े ही सम्मान की बात

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जमशेदपुर।

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धार्मिक समागमों साथ-साथ सेवादारों की सुविधाओं का ध्यान भी कमिटी के लिए सर्वोपरि: निशान सिंह
ग्रंथी सिंहों और रागियों के स्वप्न को साकार करते हुए और संगत के साथ किए गए वादों को पूरा करते हुए गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी, साकची ने गुरु ग्रंथ साहिब की अमर बाणी “लख खुशियाँ पातसाहियाँ, जे सतगुर नदर करे…” के मुख्य वाक अनुसार आधुनिक सुविधाओं से लैस “बाबा बुड्ढा जी निवास” संगत की मौजूदगी में ग्रंथी सिंहों और रागियों को समर्पित किया।
रविवार को गुरुद्वारा साहिब साकची के दरबार हॉल में संगत की बड़ी संख्या में मौजूदगी के बीच गुरु महाराज की आज्ञा लेकर अरदास उपरांत तीनों रिहाइशों की चाबी ग्रंथी सिंह जरनैल सिंह, अमृतपाल सिंह मन्नन और रागी संदीप सिंह जवद्ददी को सौंपी गई।
इस अवसर पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी, साकची के प्रधान निशान सिंह ने संगत का धन्यवाद करते हुए कहा कि साकची कमिटी धार्मिक समागमों के साथ-साथ सेवादारों के मूलभूत सुविधायों का भी पूरा पूरा ध्यान रखती है और संगत के बाद वे सर्वोपरि हैं। निशान सिंह ने यह भी कहा, गुरुद्वारा साहिब प्रबंधक कमिटी, साकची ने ग्रंथीयों और रागीयों की सुख-सुविधा तथा सहूलियतों को सर्वोच्य रखते हुए उनके लिए उच्चस्तरीय आधुनिक सुविधाओं से लैस ‘बाबा बुड्डा जी निवास’ रिहायश का निर्माण करवाया है।
वहीं, गुरुद्वारा साहिब के महामंत्री परमजीत सिंह काले ने बाबा बुड्ढा जी निवास को कमिटी की बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा की संगत के सहयोग से साकची कमेटी कार्य कर रही है और उनसे किए गए वादे पूर्ण कर रही है।
रिहायश की चाबी प्राप्त करने के बाद मुख्य ग्रंथी अमृतपाल सिंह मन्नन ने कहा, यह सभी ग्रंथी और रागी सिंहों के लिए सम्मान की बात है और वे इस मान सम्मान के लिए गुरुद्वारा कमिटी का धन्यवाद करते हैं।
प्रधान निशान सिंह और परमजीत सिंह काले के अलावा जमशेदपुर के कई गणमान्य व्यक्ति गुरु की हजूरी में उपस्थित होकर इस शुभकार्य के गवाह बने। सतिंदर सिंह रोमी, शमशेर सिंह सोनी, सतवीर सिंह सोनू, चंचल सिंह भाटिया, जसपाल सिंह जस्से, सतनाम सिंह सिद्धू, सतनाम सिंह घुम्मण, सुखविंदर सिंह निक्कू, सुरजीत सिंह छीते, त्रिलोचन सिंह तोची, जसबीर सिंह गांधी, ताज सिंह, जैमल सिंह, रोहितदीप सिंह, मोनी सिंह, राजू सिंह, जगमिंदर सिंह काके, नानक सिंह, हनी सिंह, राजेंद्र सिंह, प्रीतपाल सिंह, अर्जुन सिंह वालिया, सुरेंद्र सिंह टीटू, कुलविंदर सिंह पन्नू, इंद्रजीत सिंह कपूर, सुरजीत सिंह खुशीपुर, कुलविंदर सिंह, तरसेम सिंह सेमे, रोशन सिंह प्रिंस, रविंदर सिंह रिंकू, सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के चेयरमैन सरदार शैलेंद्र सिंह, महासचिव अमरजीत सिंह, गुरचरण सिंह बिल्ला, चंचल सिंह, परविंदर सिंह सोहल, सुखविंदर सिंह राजू, नरेंद्र सिंह भाटिया, नौजवान सभा के अमरीक सिंह, सुरेंद्र सिंह छिन्दे, सेंट्रल स्त्री सत्संग सभा की प्रधान रविंद्र कौर, सुखमनी जत्था से प्रधान राज कौर, कमलजीत कौर, गुरमीत कौर सिद्धू, साकची स्त्री सत्संग सभा से बीबी गुरमीत कौर, मनजीत कौर, पिंकी कौर और बलविंदर कौर समेत सैकड़ों संगत ने गुरु हजूरी में हाजरी भरी। मंच का संचालन सुरजीत सिंह छिते ने किया।
इस अवसर पर दर्शन देने पहुंचे विभिन्न गुरुद्वारों के प्रधान और अन्य प्रतिनिधियों ने साकची गुरुद्वारा द्वारा की गई पहल को बड़ी उपलब्धि बताया और कहा कि अन्य गुरुद्वारे भी इस कार्य से प्रेरणा लेंगे।
‘बाबा बुड्डा जी निवास’ रिहायश के बारे में जानकारी देते हुए गुरुद्वारा के प्रधान सरदार निशान सिंह ने बताया कि ग्रंथीयों और रागीयों के सम्मान में आधुनिक तकनीक से बने तीन आवास के वातानुकूलित दो कमरे के आलावा हॉल, रसोई व स्नानागार है ताकि वे सुख-सुविधा व अन्य सहूलियतों के साथ निवास कर सकें।
गौरतलब है कि, एक वर्ष पूर्व साकची गुरुद्वारा कमिटी द्वारा रिहायश का निर्माण कार्य प्रारम्भ किया गया था जहाँ गुरु का ओट आसरा लेकर अरदास उपरांत संगत के साथ गुरुद्वारा कमिटी सदस्यों ने कारसेवा कर उसारी कार्य आरम्भ किया था। निर्माण कार्य प्रारम्भ होने के लगभग एक साल की समयावधि में ‘बाबा बुड्डा जी निवास’ के पूर्ण होकर तैयार है।
बताते चलें कि सिख इतिहास में बाबा बुड्डा जी का एक विशेष स्थान है, मानयोग बाबा बुड्डा जी दरबार साहिब तख्त श्री हरमंदिर साहिब, अमृतसर के पहले ग्रंथी थे इसीलिए उनके नाम पर इस रिहायश का नामकरण किया गया है।

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