दिल्ली: भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर “भोजपुरी जन जागरण अभियान” द्वारा देशव्यापी आंदोलन जारी है। इसी कड़ी में 3 अगस्त 2025 को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर इस अभियान का 25वां विशाल धरना प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। इस धरने का नेतृत्व अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संतोष पटेल करेंगे।

भोजपुरी भाषा भारत के लगभग 16 राज्यों सहित 25 से 30 करोड़ लोगों की मातृभाषा है, जो अनेक देशों में भी बोली जाती है। बावजूद इसके इसे संविधान की आठवीं अनुसूची में अभी तक शामिल नहीं किया गया है, जिसे भाषा प्रेमियों और भोजपुरी जन जागरण अभियान ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
भोजपुरी जन जागरण अभियान लगातार संसद सत्रों के दौरान इस मांग को लेकर धरना प्रदर्शन और ज्ञापन सौंप रहा है। प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, और अन्य मंत्री एवं सांसदों को बार-बार ज्ञापन दिए गए, कई सांसद और मंत्री समर्थन में भी सामने आए, लेकिन सरकार ने अभी तक इस पर अंतिम फैसला नहीं लिया है।
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अभियान के राष्ट्रीय महामंत्री धनंजय सिंह ने कहा कि अब समय आ गया है कि सरकार भोजपुरी भाषा को वह सम्मान दे जो अन्य भाषाओं को मिलता है। वहीं, राष्ट्रीय संयोजक राजेश भोजपुरिया ने स्पष्ट किया कि जब तक भोजपुरी को संवैधानिक मान्यता नहीं मिलती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने सभी भोजपुरी प्रेमियों और संबंधित संस्थाओं से अपील की है कि वे 3 अगस्त को धरना प्रदर्शन में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर अपनी आवाज बुलंद करें।
धरना की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। अभियान के कई वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इसमें सक्रिय रूप से जुटे हुए हैं। पूरे देश के भोजपुरी भाषी इस धरना में शामिल होने के लिए आमंत्रित किए गए हैं ताकि इस आंदोलन को और मजबूत बनाया जा सके।
यह धरना भोजपुरी भाषा को संविधान में शामिल करने और उसे उचित सम्मान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।