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Home » JAMSHEDPUR -जागरूकता की कमी के कारण मदद लेना नहीं चाहते मानसिक रोगी
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JAMSHEDPUR -जागरूकता की कमी के कारण मदद लेना नहीं चाहते मानसिक रोगी

BJNN DeskBy BJNN DeskOctober 9, 2021No Comments3 Mins Read
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जमशेदपुर। आत्महत्या निवारण के क्षेत्र में कार्यरत जमशेदपुर की संस्था ‘जीवन‘ के संस्थापक निदेशक महावीर राम, डा. जे जैन एवं एम दुर्गा राव ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (10 अक्टूबर) पर कहा कि यह दिवस जागरूकता फैलाने और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से जुड़े सामाजिक कलंक के खिलाफ शिक्षित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। सबसे महत्वपूर्ण, ज्वलंत और आमतौर पर प्रचलित मानसिक स्वास्थ्य मुद्दे हैं तनाव, चिंता, अवसाद और आत्महत्या के विचार, जो सौभाग्य से सभी को समय पर हस्तक्षेप कर ठीक किया जा सकता है। मानसिक बीमारी से पीड़ित लोगों में सामाजिक कलंक और सबसे महत्वपूर्ण जागरूकता की कमी के कारण मदद लेने में हिचकिचाहट होती है, जो गलत है मदद लेनी चाहिए। जमशेदपुर की वर्तमान जनसंख्या 16 लाख से अधिक है। अगर 1 प्रतिशत भी लिया जाए तो भी 16000 छोटे/बड़े मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से लोग पीड़ित होंगे। इसके बावजूद 365 दिनों में मुश्किल से 600 से अधिक लोग संस्था जीवन तक पहुंच पाते हैं। जबकि ‘जीवन‘ संकट में लोगों की मदद करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सामाजिक संस्था जीवन के पदाधिकारियों ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य रहने, तनाव से छुटकारा पाने तथा तनाव प्रबंधन के टिप्स प्राप्त करने के लिए संस्था के सदस्यों से हेल्प लाईन नंबर 9297777499, 9297777500, 9955435500, 9955377500 पर काल एवं मैसेज कर निःशुल्क गोपनीय भावनात्मक सहयोग प्राप्त कर सकते हैं। जीवन कार्यलय का पताः- 25, क्यूश्रोड, बिष्टुपुर, जमशेदपुर हैं। जीवन संस्था संकट से बाहर आने और आगे पेशेवर मदद लेने में सहयोग कर सकता है। एक साथ अपनी दर्दनाक भावनाओं को साझा कर राहत महसूस कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मानसिक बीमारियों, मानसिक विकारों और अन्य मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों से संबंधित रासायनिक असंतुलन पैदा करने वाले नकारात्मक विचारों का मुख्य सहारा मानव मस्तिष्क है। यह शरीर का एक हिस्सा है, जिसे किसी भी अन्य शारीरिक बीमारी की तरह तत्काल पहचान और उपचार की आवश्यकता होती है और हम बहुत अधिक सक्रिय पहल के साथ कह सकते हैं कि लोग सभी शारीरिक बीमारियों के बारे में ज्ञान प्राप्त करते हैं और जानते हैं कि सामान्य बुखार, सर्दी और खांसी के लिए भी इलाज कैसे किया जाता है, लेकिन जब मानसिक स्वास्थ्य की बात आती है तो वे इलाज के लिए जाने का विरोध करते हैं। यह साबित हो चुका है कि शारीरिक बीमारियों के 50 प्रतिशत से अधिक मामलों में, मूल कारण कोई मानसिक समस्या है। यदि कोई मानसिक समस्याओं से छुटकारा पा सकता है तो उसे अधिकांश रोगों से स्वतः ही मुक्ति मिल जाएगी

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